बस्ती:पुलिस अपने कारनामे को लेकर एक बार फिर से चर्चा में है. पुलिस के इस कारनामे को लेकर उसकी कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं. पुलिस ने एक नाबालिग 5वीं क्लास के बच्चे को गैंगस्टर का आरोपी बनाते हुए उसका जीवन बर्बाद कर दिया. पुलिस दावा करती है कि नाबालिग बच्चा चोरी की कई घटनाओं में लिप्त था. लेकिन, नाबालिग पर गैंगस्टर की कार्रवाई का पुलिस के पास कोई जवाब नहीं है.
कोतवाली थाना क्षेत्र के मंडी गांव के रहने वाले पैसे से चाय व्यवसायी विनोद गुप्ता ने मुख्यमंत्री, डीजीपी, एसपी, और मानवाधिकार आयोग को पत्र भेजकर आरोप लगाया है कि उनके नाबालिग बेटे सोनू (15) को पुलिस ने फर्जी आरोप लगाकर गैंगस्टर का मुजरिम बना दिया और कई मुकदमे भी लाद दिए हैं. पुलिस के टॉर्चर से उनका बेटा मानसिक संतुलन खो बैठा है और अजीबो-गरीब हरकतें करता है. विनोद का आरोप है कि पूरा मामला 27 जुलाई 2022 का है. जब अचानक से उनके घर कई पुलिस वाले आए और उनके बेटे को जबरन उठाकर ले गए. इसके बाद जब भी कोतवाली गए तो वहां पुलिसकर्मियों ने उनसे 50000 की रिश्वत मांगी. लेकिन, जब रिश्वत देने में सक्षम नहीं हुए तो उनके बेटे के खिलाफ चोरी का मुकदमा दर्ज कर उसे जेल भेज दिया गया.
विनोद का कहना है कि पुलिसकर्मियों से उन्होंने कई बार गुहार लगाई कि उनका बेटा नाबालिग है और वह 50000 की रकम नहीं दे सकते. लेकिन, पुलिस वाले नहीं माने. उन्होंने कहा कि जब तक पैसा नहीं दोगे, तुम्हारे बेटे को छोड़ा नहीं जाएगा. इसके बाद थक हारकर किसी तरीके से भी 20000 का इंतजाम करके पुलिस वालों को दे दिया. बावजूद इसके उनके बेटे के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसे जेल भेज दिया गया.