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छत्तीसगढ़ : कोरोना संकट में अन्नदूत बनकर बस्तर के युवा पेश कर रहे मिसाल

पूरा देश कोरोना वायरस से संक्रमण की दूसरी लहर से जूझ रहा है. ऐसे में कई राज्यों ने लॉकडाउन की घोषणा की है, जिसका सीधा असर दिहाड़ी मजदूरों पर पड़ रहा है. छत्तीसगढ़ के बस्तर में भी वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन लगाया गया है. इस मुश्किल समय में युवा गरीबों की मदद को आगे आए हैं.

relief work in bastar
relief work in bastar

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Published : Apr 19, 2021, 7:27 AM IST

जगदलपुर: बढ़ते कोरोना चलते छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में भी हफ्ते भर के लिए लॉकडाउन लगाया गया है. जिस तेजी से मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है, ऐसे में लॉकडाउन की अवधि और भी बढ़ाए जाने की संभावना जताई जा रही है. लॉकडाउन के चलते एक बार फिर दिहाड़ी मजदूरों के सामने दो वक्त की रोटी का संकट खड़ा हो गया है. ऐसे में गरीब, असहाय लोगों की मदद के लिए जगदलपुर के युवा आगे आए हैं. बस्तरिया बैक बेंचर्स नाम की संस्था के सदस्य दोनों वक्त भोजन पहुंचाने का काम कर रहे हैं. ताकि इस लॉकडाउन के वजह से भूखा न रहना पड़े.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

कोरोना संकट में अन्नदूत बने बस्तर के युवा
बस्तरिया बैक बेंचर्स नामक संस्था के युवा लॉकडाउन के पहले दिन से ही शहर में घूम-घूम कर जरूरतमंद को भोजन पहुंचा रहे हैं. संस्था के सदस्य परमेश्वर नायर ने बताया कि बस्तरिया बैक बेंचर्स शहर के युवाओं का एक समूह है, जिसमें 12 से 15 युवा शामिल हैं. समय-समय पर संस्था के सदस्य सामाजिक दायित्व निभाते हैं. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन में होटल से लेकर सभी दुकानें बंद हैं. दिहाड़ी मजदूर, गरीबों और असहाय लोगों को दो वक्त के भोजन के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में सभी युवाओं ने ऐसे लोगों को भरपेट भोजन कराने फैसला लिया. बिना शासन-प्रशासन की मदद के संस्था के लोग दोनों टाइम स्वादिष्ट और अच्छा भोजन लोगों तक पहुंचा रहे हैं.

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संस्था के सदस्यों ने बताया कि लॉकडाउन के शुरुआत में खाने के 70 पैकेट तैयार किए गए थे. लेकिन वो भी कम पड़ गए. अब प्रतिदिन 300 से ज्यादा खाने के पैकेट तैयार किए जा रहे हैं. भोजन में चावल, दाल अलग-अलग प्रकार की सब्जियां होती हैं. इसे पैक करने के बाद शहरभर में वितरित किया जाता है.

हर तरफ हो रही युवाओं की तारीफ
भोजन करने वाले इन युवाओं को अन्नदूत से कम नहीं मानते, उनका कहना है कि लॉकडाउन की वजह से उनके कामकाज बंद हो गए हैं. ऐसे में दो वक्त के खाने की चिंता सताने लगी थी. लेकिन पिछले 3 दिनों से उन्हें दिन-रात भरपेट भोजन मिल रहा है. इन लोगों ने युवाओं का दिल से धन्यवाद किया है. लोगों तक भोजन पहुंचाने के काम में लगे बस्तरिया बैक बेंचर्स के सदस्यों की हर तरफ तारीफ हो रही है.

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