Celebration Of Independence Day In Naxalgarh: आजादी के 76 साल बाद बस्तर के 15 से ज्यादा गांवों में पहली बार लहराया तिरंगा, सरेंडर नक्सलियों ने दी सलामी - Bastar News
Celebration Of Independence Day In Naxalgarh: देश का हर नागरिक आजादी के जश्न में डूबा है. पुरखों के समय से ही लोग तिरंगे को सलामी देते और भारत माता के जयकारे लगाते आ रहे हैं. मगर आप को ये जानकर हैरानी होगी कि अपने ही देश में कुछ ऐसी भी इलाके हैं, जहां आज तक तिरंगा नहीं फहरा था. इस बार इन नक्सलगढ़ इलाकों में भी न सिर्फ भारत माता के जयकारे लगे बल्कि तिरंगा भी लहराया गया. Tricolor hoisted first time in villages of Bastar
बस्तर के 15 से ज्यादा गांवों में पहली बार लहराया तिरंगा
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Published : Aug 15, 2023, 6:14 PM IST
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Updated : Aug 15, 2023, 11:13 PM IST
बस्तर के 15 से ज्यादा गांवों में पहली बार लहराया तिरंगा
दंतेवाड़ा/बीजापुर/सुकमा:अब तक जिन नक्सलियों के डर से कुछ इलाकों में लोग आजादी का जश्न मनाने से महरूम थे, इस स्वतंत्रता दिवस उन्हीं नक्सलियों ने न सिर्फ तिरंगा फहराया बल्कि भारत माता के जयकारे भी लगाए. ये सरेंडर नक्सली अब हिंसा का रास्ता छोड़ चुके हैं. स्कूल, अस्पताल और रोड जैसी सुविधा मिल रही है तो अब बच्चों के भविष्य के लिए फिक्रमंद हैं. दंतेवाड़ा, बीजापुर और सुकमा के 15 से ज्यादा गांवों में आजादी के बाद से पहली बार तिरंगा फहराया गया. आजादी का जश्न मनाते हुए बच्चे, बूढ़े और जवान उत्साहित नजर आए. पहली बार बच्चों ने आजादी के तराने गाए.
इन इलाकों में पहली बार फहराया गया तिरंगा:आजादी के 76 साल बाद नक्सल प्रभावित तीन जिलों के 19 गांवों में पहली बार तिरंगा फहराया गया. इनमें दंतेवाड़ा के नक्सल प्रभावित गांव बुरगुम, बड़ेगादम और तुमरीगुंडा में पहली बार आजादी का जश्न मनाया गया. बीजापुर के चिन्नागेलुर, तिमेनार और हिरोली में ध्वजारोहण हुआ. वहीं सुकमा पुलिस के मुताबिक जिले के पिडमेल, मिसिगुड़ा, दुरनदरभा, मंडीमरका, बोरनगुड़ा, बरीगुडेम, गुंडराजपदर, दुरमा, भट्टीगुडेम, रंगईगुड़ा, पेंटापाड, तोंडामरका और एलमागुण्डा गांव में पहली बार तिरंगा फहराया गया.
जो स्वतंत्रता दिवस का विरोध करते थे, आज उसका हिस्सा बने:दंतेवाड़ा के गांव बुरगुम, तुमरीगुंडा और बड़ेगादम नक्सल गतिविधियों के कारण अतिसंवेदनशील श्रेणी में आते हैं. इन गांवों में नक्सली हमेशा से ही स्वतंत्रता दिवस का बहिष्कार करते आए. आजादी के पर्व के दिन नक्सली अंदरूनी क्षेत्रों में काला झंडा फहराकर विरोध प्रदर्शित करते रहे. लेकिन इस स्वंतत्रता दिवस पर्व पर दंतेवाड़ा में उम्मीदों का एक नया दीप जला है. आजादी के बाद पहली बार दंतेवाड़ा पुलिस और ग्रामीणों ने मिलकर तिरंगा लहराया. नक्सलगढ़ में भारत माता के जयकारे लगे. इस मौके पर खास बात ये रही कि सरेंडर करने वाले नक्सलियों ने भी तिरंगे को सलामी दी और वो भी आजादी के जश्न में शारीक हुए.
विकास की चकाचौंध से हट रही आंखों पर पड़ी पट्टी:दंतेवाड़ा जिले में शासन की विश्वास, विकास और सुरक्षा की नीति के चलते ग्रामीणों का नक्सलवाद से मोहभंग हो रहा है. ग्रामीण समाज की मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं. इसके साथ ही स्थानीय नक्सलियों को सरेंडर करने के लिए प्रेरित भी कर रहे हैं. तुमरीगुंडा, जो इंद्रावती नदी के दूसरी ओर स्थित है, वहां पर जाकर दंतेवाड़ा पुलिस ने तिरंगा लहराया. दंतेवाड़ा रेंज पुलिस उपमहानिरीक्षक कमलोचन कश्यप और दंतेवाड़ा पुलिस अधीक्षक गौरव राय के निर्देशन में दंतेवाड़ा जिले के धुर नक्सल प्रभावित गांव बुरगुम, तुमरीगुंडा और बड़ेगादम में आजादी की 77वीं वर्षगांठ पर जिला पुलिस बल, डीआरजी और बस्तर फाइटर्स के जवानों ने ग्रामीणों की मौजूदगी में तिरंगा फहराया.
दंतेवाड़ा में 600 से ज्यादा नक्सली कर चुके हैं सरेंडर:स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में ग्रामीणों के साथ ही स्कूली बच्चे भी शामिल हुए. इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि नक्सलगढ़ में लाल आतंक की जड़ें कमजोर हो रही हैं. वो दिन भी दूर नहीं जब ग्रामीण नक्सलवाद के भय से मुक्त होकर आजादी का जश्न खुलकर मना पाएंगे. बहकावे में आकर नक्सल संगठन में शामिल लोग सरकार की पुनर्वास नीति और जून 2020 से शुरू लोन वर्राटू अभियान से प्रभावित हैं. हथियार छोड़कर समाज की मुख्यधारा से भी जुड़ रहे हैं. दंतेवाड़ा में लोन वर्राटू अभियान के तहत अब तक कुल 615 नक्सली सरेंडर कर चुके हैं, जिसमें 159 इनामी नक्सली शामिल हैं. यानी वे नक्सली जो कभी ‘लाल आतंक’ का साथ दिया करते थे, अब वही भारत माता की जय के नारे लगा रहे हैं.