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बरवाडीह चिरमिरी रेल लाइन परियोजना को मिली मंजूरी, मुंबई से कोलकाता की दूरी होगी कम, द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अंग्रेजों ने शुरू किया था परियोजना - Jharkhand news

भारत सरकार ने बरवाडीह चिरमिरी रेल लाइन परियोजना को मंजूरी दे दी है. इसके बनने के बाद मुंबई से हावड़ा की दूरी करीब 400 किलोमीटर कम हो जाएगी. यह परिजनों झारखंड और छत्तीसगढ़ के इलाके से होकर गुजरेगी. Barwadih Chirmiri Rail Line Project gets approval.

Barwadih Chirmiri Rail Line Project gets approval
Barwadih Chirmiri Rail Line Project gets approval

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 7, 2023, 4:52 PM IST

पलामू:रेल मंत्रालय ने बरवाडीह-चिरमिरी रेल लाइन परियोजना की मंजूरी दे दी है. जनवरी महीने में बरवाडीह चिरमिरी रेल लाइन परियोजना का सर्वे और डीपीआर तैयार किया गया था. 2023 के शुरुआती महीने में पांच करोड़ रुपए की राशि जारी की गई. जिसके बाद रेलवे ने डीपीआर तैयार किया. डीपीआर तैयार होने के बाद केंद्र सरकार ने इस रेल लाइन को मंजूरी दे दी.

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पलामू सांसद विष्णु दयाल राम ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से इसकी जानकारी दी है. फिलहाल वे दिल्ली में हैं और परियोजना से जुड़े अन्य पहलू को देख रहे हैं. इस रेल लाइन के लिए सांसद विष्णु ने लोकसभा में सवाल उठाया था और केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात की थी. बरवाडीह झारखंड के लातेहार में मौजूद है जबकि चिरमिरी छत्तीसगढ़ के सरगुजा एवंअंबिकापुर में मौजूद है.

बरवाडीह चिरमिरी रेल लाइन परियोजना के बारे में जानकारी

द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान 1942 में अंग्रेजों ने शुरू की थी परियोजना:द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान 1942 में तत्कालीन अंग्रेजी हुकूमत ने बरवाडीह चिरमिरी रेल लाइन परियोजना की शुरुआत की थी. द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अपनी सेवा की मदद करने के लिए अंग्रेजी सरकार मुंबई और कोलकाता की दूरी को कम करना चाहती थी, ताकि विश्व युद्ध के दौरान सेना को मदद पहुंचाई जा सके. लेकिन विश्व युद्ध खत्म होने के साथ ही परियोजना ठंडे बस्ते में चली गई. कई दशकों तक परियोजना पर कोई कार्य नहीं हुआ. इस रेल लाइन परियोजना को शुरू करने को लेकर छत्तीसगढ़ और झारखंड के इलाके में कई आंदोलन भी हुए. लंबे समय से इस परियोजना को शुरू करने की मांग की जा रही है.

400 किलोमीटर घट जाएगी मुंबई से कोलकाता की दूरी:बरवाडीह चिरमिरी रेल लाइन परियोजना पूरा होने मुंबई से कोलकाता की दूरी करीब 400 किलोमीटर घट जाएगी. हावड़ा से मुंबई जाने के लिए फिलहाल यूपी के दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन, एमपी के जबलपुर और ओड़ीसा के राउरकेला से होकर रेल लाइन जाती है. बरवाडीह चिरमिरी रेल लाइन बन जाने से हावड़ा से बरवाडीह फिर अम्बिकापुर, रायपुर होते हुए मुंबई आसानी से पहुंचा जा सकता है. बरवाडीह चिरमिरी रेल लाइन परियोजना करीब 330 किलोमीटर की है. छत्तीसगढ़ के चिरमिरी से बिश्रामपुर की दूरी 129 किलोमीटर बिश्रामपुर से अंबिकापुर की दूरी करीब 19 किलोमीटर है. बरवाडीह से अंबिकापुर की दूरी करीब 182 किलोमीटर है. इसी 182 किलोमीटर पर परियोजना का काम होना है. चिरमिरी से बिश्रामपुर तक रेल लाइन परियोजना 1962 में तैयार किया गया था.

बूढापहाड़ से गुजरेगी रेल लाइन, आज भी मौजूद है परियोजना से जुड़े अवशेष: बरवाडीह चिरमिरी रेल लाइन परियोजना देशभर में चर्चित बूढ़ा पहाड़ की इलाके से होकर गुजरेगी. बूढ़ा पहाड़ से सटे हुए कई इलाकों में रेलवे स्टेशन बनाए जाने हैं. 1942 में जब यह परियोजना शुरू हुई थी उसे दौरान कई पुल भी बनाए गए थे, जबकि कई इलाकों में सिंगल गेज लाइन भी बिछायी गयी थी. पुल और रेल लाइन के अवशेष आज भी मौजूद हैं. लातेहार के बरवाडीह में कोयल नदी और गढ़वा के परो में नदी पर आज भी पुल हैं. यह रेल लाइन परियोजना पलामू टाइगर रिजर्व के बाहरी हिस्सों से गुजरेगी.

कैसे कैसे गुजरेगी रेल लाइन और कहां कहां बनाया जाना है स्टेशन:बरवाडीह चिरमिरी रेल लाइन परियोजना में 65 किलोमीटर हिस्सा झारखंड का है. जबकि बाकी का हिस्सा छत्तीसगढ़ के इलाके में है. झारखंड के बरवाडीह से हूंटार, मंडल, परो, भंडरिया, बड़गड में रेलवे स्टेशन बनाया जाना है. जबकि छत्तीसगढ़ के परसा, बारियों, राजपुर रोड, कर्रा, पस्ता, झालरिया, दलधोआ, सरनाडीह, बलरामपुर में रेलवे स्टेशन बनाया जाना है.

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