कारगिल (लद्दाख): नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि लद्दाख यात्रा के दौरान उन्हें द्रास डाक बंगले और माइक के इस्तेमाल से रोका गया. उन्होंने केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के प्रशासन पर आरोप लगाया कि उन्हें एक कार्यकर्ता के समारोह में माइक के उपयोग की अनुमति नहीं दी गई. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि लद्दाख दौरे के दौरान द्रास डाक बंगले में रहने की भी अनुमति प्रदान नहीं की गई.
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि प्रशासन ने हमसे कहा कि हमें उस जगह (द्रास) का दौरा नहीं करना चाहिए. वे क्यों डरते हैं? आप (सरकार) चीन को रोक नहीं सकते और उन्हें पीछे नहीं धकेल सकते, लेकिन जब हम श्रीनगर से द्रास होते हुए कारगिल आना चाहते थे, तो उन्होंने हमें अनुमति नहीं दी जाती है. अब्दुल्ला ने मीडिया को बताया कि द्रास में हमारे कार्यकर्ताओं की बैठक से माइक हटा दिया गया और डाक बंगले को सील कर दिया गया. वास्तव में, एसडीएम (सब डिविजनल मजिस्ट्रेट) व्यक्तिगत रूप से हमारी गतिविधियों की निगरानी कर रहे थे.
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि सब डिविजनल मजिस्ट्रेट हमारी बैठक स्थल के ठीक बगल में खुद तैनात थे. 5 अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर से अलग कर लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया. तब से अब्दुल्ला का यह दूसरा लद्दाख दौरा था. उन्होंने कहा कि प्रशासन की यह कार्रवाई यह दिखाती है कि व्यवस्था कितनी अस्थिर है. हमारे पास किसी भी सार्वजनिक सभा या जुलूस की कोई योजना नहीं थी. फिर भी वे माइक स्नैचिंग जैसी हरकतों का सहारा ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह दिखाता है कि बुनियादी आतिथ्य का संस्कार भी प्रशासन भूल गया है.
पढ़ें: शोपियां आतंकी हमले की उमर अब्दुल्ला से लेकर महबूबा मुफ्ती समेत कई नेताओं ने की निंदा
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि एक पूर्व मुख्यमंत्री और उच्च सुरक्षा वर्गीकरण के दायरे में आने के कारण भी लद्दाख प्रशासन को शिष्टाचार के तहत मेरे लिए फ्रेश होने के लिए एक कमरा उपलब्ध कराना चाहिए था. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि द्रास में मेरे पर्याप्त मित्र और शुभचिंतक हैं जिनकी वजह से मुझे कभी प्रशासन के इंतजाम के भरोसे नहीं रहना पड़ा. पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कारगिल और लेह को जम्मू-कश्मीर से अलग कर दिया गया है. लेकिन यदि मैं कारगिल और लेह के लोगों की मांगों पर ध्यान दे रहा हूं तो प्रशासन क्यों मेरे इस दौरे से डरा हुआ है.