बिलासपुर:जिला बिलासपुर में स्थित एसीसी प्लांट प्रबंधन ने घाटे का हवाला देते हुए हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में बरमाणा स्थित एसीसी सीमेंट प्लांट में तत्काल प्रभाव से सभी गतिविधियों को बंद कर दिया है. प्लांट हेड ने नोटिस जारी कर सभी कर्मचारियों को ड्यूटी पर आने से मना कर दिया है. इस फैसले से प्लांट में काम करने वाले कर्मचारियों और ट्रक ऑपरेटरों पर रोजगार का संकट खड़ा हो जाएगा.
एसीसी प्रबंधन ने शाम पांच बजे सभी कर्मचारियों व अधिकारियों को नोटिस वितरित कर दिए हैं. नोटिस में लिखा है कि 'प्रिय कर्मचारी, जैसा कि आप सभी जानते हैं कि परिचालन लागत (परिवहन और कच्चे माल की लागत) में वृद्धि और बाजार की मौजूदा स्थिति के कारण सीमेंट की ढुलाई में भारी कमी आई है. इसके परिणामस्वरूप सीमेंट का बहुत खराब प्रेषण हुआ. इससे हमारे बाजार हिस्से पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है और इसके परिणामस्वरूप कंपनी को भारी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ रहा है. उपरोक्त स्थिति को ध्यान में रखते हुए, प्रबंधन संयंत्र के संचालन और गग्गल सीमेंट प्लांट से संबंधित सभी गतिविधियों को तत्काल प्रभाव से बंद करने के लिए मजबूर हैं. अतः सभी कर्मचारियों को सूचित किया जाता है कि अगले निर्देश तक तत्काल प्रभाव से ड्यूटी पर उपस्थित न हों.
एसीसी की गगल इकाई जो 1984 से स्थापित है उसको कुछ साल पहले विदेशी कंपनी होलसिम वलाफार्ज रन कर रही थी और अब अडानी समूह का हिस्सा बन गई हैं. अब सीमेंट्स कंपनियों व ट्रांसपोटर्स के बीच तालमेल बनाने के लिए सुधार करने का प्रयास तो कर रहे हैं, लेकिन बात सिरे चढ़ती नजर नहीं आ रही है. बरमाणा एसीसी सीमेंट उद्योग जिले के साथ साथ राज्य के विकास में भी एक अहम रोल है और हिमाचल प्रदेश के अलावा आसपास के सीमावर्ती राज्यों में भी बड़ी संख्या में परिवार निर्भर है. हालांकि वर्षों से इंडस्ट्री ने ट्रांसपोर्ट वैल्यू चेन का समर्थन किया, लेकिन अब एसीसी की गगल इकाई से ट्रांसपोर्टर्स को सही ढुलाई का कार्य न मिलने से इकाई के अस्तित्व पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं.