दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

विवादित भवन ध्वस्तीकरण मामले में बोले बाराबंकी डीएम- न्यायिक प्रक्रिया के तहत हुई कार्रवाई - विवादित भवन के ध्वस्तीकरण का मामला

यूपी के बाराबंकी जिले में प्रशासन द्वारा एक विवादित भवन के ध्वस्तीकरण का मामला तूल पकड़ने लगा है. यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष ने इसे जिला प्रशासन की मनमानी कार्रवाई करार देते हुए मामले को कोर्ट तक ले जाने की बात कही है, तो वहीं जिला प्रशासन ने इस कार्रवाई को न्यायिक प्रक्रिया के तहत बताया है.

विवादित भवन ध्वस्तीकरण मामला
विवादित भवन ध्वस्तीकरण मामला

By

Published : May 19, 2021, 3:47 PM IST

लखनऊ :यूपी के बाराबंकी में जिला प्रशासन द्वारा एक विवादित भवन के ध्वस्तीकरण का मामला तूल पकड़ने लगा है. एक ओर जहां यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष ने इसे जिला प्रशासन की मनमानी कार्रवाई करार देते हुए मामले को कोर्ट तक ले जाने की बात कही है, तो वहीं जिला प्रशासन ने इस कार्रवाई को न्यायिक प्रक्रिया के तहत बताया है. सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड प्रश्नगत भवन को सौ साल पुरानी मस्जिद बता रहा है, जबकि जिला प्रशासन ने इसे अवैध निर्माण माना है.

तहसील परिसर में विवादित भवन का ध्वस्तीकरण
राम सनेही घाट तहसील परिसर में बने भवन का करीब 2 महीने पहले जॉइंट मजिस्ट्रेट ने वेरिफिकेशन कराया था. एसडीएम आवास के सामने बने प्रश्नगत भवन में रह रहे लोगों को 15 मार्च को नोटिस भेजकर सुनवाई का अवसर दिया गया था. लेकिन वहां रह रहे 3 लोग फरार हो गए थे. उसके बाद ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने तहसील की बाउंड्री पर लगा गेट हटाकर बाउंड्री करा दी थी और बाहरी लोगों के आवागमन को प्रतिबंधित कर दिया था. इस मामले के बाद मुस्लिम वर्ग के लोगों ने इस कार्रवाई को गलत बताया था. उनके मुताबिक इस भवन में नमाज होती थी और वे लोग इसे मस्जिद बता रहे थे.

विवादित भवन ध्वस्तीकरण मामला

भारी पुलिस बल की मौजूदगी में हुई ध्वस्तीकरण की कार्रवाई
सोमवार की शाम इस भवन को भारी पुलिस बल की मौजूदगी में जेसीबी लगाकर ध्वस्त करा दिया गया. ध्वस्तीकरण को गलत करार देते हुए मंगलवार को तमाम लोगों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर अपना मेमोरेंडम दिया. इनका आरोप है कि पुलिस बल की घेराबंदी में सन 1947 के पूर्व बनी मस्जिद को बगैर किसी नोटिस के ध्वस्त कर दिया गया. इनका आरोप है कि इस मामले में अदालत के आदेश को नहीं माना गया. यही नहीं सुन्नी वक्फ बोर्ड ने भी इस कार्रवाई को गलत करार दिया है.

पढेंःदिहाड़ी मजदूरों का दर्द : 'एक-एक पैसे के हो गये मोहताज, नहीं मिल रहा काम'

मामले में जिलाधिकारी डॉ. आदर्श सिंह का कहना है कि माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद, खंडपीठ लखनऊ द्वारा रिट याचिका संख्या 7948 एमवी ऑफ 2021 में पारित आदेश के क्रम में पक्षकारों का प्रत्यावेदन 02 अप्रैल 2021 को निस्तारित करने पर यह तथ्य सिद्ध हुआ कि प्रश्नगत आवासीय निर्माण अवैध है. इस आधार पर उप जिला मजिस्ट्रेट न्यायालय रामसनेहीघाट पर न्यायिक प्रक्रिया के अंतर्गत वाद योजित किया गया. प्रश्नगत प्रकरण में न्यायिक प्रक्रिया के अंतर्गत पारित आदेश का मौके पर अनुपालन कराया गया है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details