मुंबई :मलिक ने स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (Narcotics Control Bureau) के मुंबई जोन के निदेशक के खिलाफ आरोप लगाते हुए कहा कि सरकारी नौकरी (Government Job) में होने के बावजूद वानखेड़े के पास बार चलाने करने का लाइसेंस है जो सेवा नियमों के खिलाफ (against service rules) है.
हालांकि वानखेड़े ने मलिक के दावों को खारिज करते हुए कहा कि वह मंत्री के खिलाफ मानहानि का मुकदमा (defamation case against minister) दायर करेंगे. मलिक ने संवाददाताओं से कहा कि समीर के पिता राज्य के आबकारी विभाग में कार्यरत थे और उन्होंने समीर के नाम पर रेस्तरां और बार (Restaurant and bar named after Sameer) चलाने का लाइसेंस हासिल किया था.
उस समय उनकी उम्र 17 साल और 10 महीने थी. ऐसे व्यक्ति को कोई लाइसेंस जारी नहीं किया जाता जिसने 18 साल की उम्र पूरी नहीं की हो. इसके बाद भी उनके पिता ने 1997-98 में लाइसेंस लेने में कामयाबी हासिल की. हर बार वानखेड़े के नाम पर लाइसेंस का नवीनीकरण किया जाता है.
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रवक्ता ने कहा कि समीर द्वारा आउटलेट के मूल्यांकन के बारे में सरकार को दी गई जानकारी कुछ संदेहास्पद है. उन्होंने कहा कि 2017 में एक सरकारी कर्मचारी के रूप में समीर वानखेड़े ने नियमों के तहत अपनी संपत्ति घोषित की थी जिसमें उन्होंने संपत्ति के रूप में बार का उल्लेख किया था.
मलिक ने कहा कि एक दशक से अधिक समय तक इसका मूल्यांकन एक करोड़ रुपये के साथ ही वार्षिक किराए के रूप में दो लाख रुपये की आय दिखायी गई. 2020 में भी समीर वानखेड़े ने दावा किया कि बार का मूल्यांकन एक करोड़ रुपये और वार्षिक किराया दो लाख रुपये है. इसका मतलब है कि इसमें कुछ संदिग्ध है.