नई दिल्ली : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Union Finance Minister Nirmala Sitaraman) ने संसद में अहम जानकारी साझा की. उन्होंने बताया कि भगोड़े कारोबारी नीरव मोदी (Nirav Modi), मेहुल चोकसी (Mehul Choksi) और विजय माल्या (Vijay Mallya) से सरकार ने 13,109 करोड़ रुपये वसूल कर लिये हैं. उन पर कार्रवाई अब भी जारी है. लोकसभा में 'सप्लीमेंट्री डिमांड्स फॉर ग्रांट्स' पर चर्चा के दौरान एक सवाल के जवाब में सीतारमण ने यह जानकारी दी.
उन्होंने कोरोना वायरस महामारी से उत्पन्न हालात में अर्थव्यवस्था के बड़े विषयों पर ध्यान देने की सरकार की प्रतिबद्धता का उल्लेख करते हुए लोकसभा में कहा कि बैंकों ने नीरव मोदी, मेहुल चोकसी, विजय माल्या जैसे ऋण चूककर्ता की संपत्तियां बेचकर 13,109 करोड़ रुपये वसूल किए. वहीं, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने पिछले सात वर्ष में समझौते एवं अन्य उपायों से 5.49 लाख करोड़ रुपये की वसूली की. निर्मला सीतारमण ने बताया कि बरामदगी की ताजा लिस्ट में किंगफिशर के भगोड़े कारोबारी विजय माल्या की प्रॉपर्टी है, जिसे 16 जुलाई को बेचा गया और इससे 792 करोड़ रुपये जुटाए गए.
वित्त मंत्री ने कहा कि जो लोग डिफॉल्टर हैं और देश छोड़कर भाग गए हैं, उनसे रकम वसूले गए हैं. भगोड़े विदेश भाग गए हैं, लेकिन उनकी संपत्ति जब्त कर ली गई है. रिकवर किए गए पैसों को दोबारा सरकारी बैंकों में डाला गया है. इस वजह से बैंक पहले की तुलना में ज्यादा वित्तीय रूप से सुरक्षित हुए हैं.
लोकसभा ने वर्ष 2021-22 की पूरक अनुदान मांगों के दूसरे बैच पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि बैंक सुरक्षित हैं, बैंकों में जमाकर्ताओं के पैसे सुरक्षित हैं. अर्थव्यवस्था से जुड़े बड़े विषयों पर ध्यान दिया जा रहा है. राज्यों के पास पर्याप्त नकदी है और केवल दो राज्यों का नकदी संतुलन नकारात्मक है.
वित्त मंत्री के जवाब के बाद लोकसभा ने वर्ष 2021-22 की पूरक अनुदान मांगों के दूसरे बैच एवं संबंधित विनियोग विधेयक को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी. इसमें 3,73,761 करोड़ रुपये के सकल अतिरिक्त व्यय को अधिकृत करने के लिये संसद की मंजूरी मांगी गई है. इसमें 62 हजार करोड़ रुपये एयर इंडियाकी शेष आस्तियां एवं देनदारियों से संबंधित हैं.
सीतारमण ने बताया कि सरकार e-GOM (अधिकार सम्पन्न मंत्रियों के समूह) के माध्यम से खाद्य तेल एवं अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतों से जुड़ी समस्याओं पर विचार करेगी. चालू वित्त वर्ष के पहले आठ महीने में 86.4 प्रतिशत राशि हस्तांतरित की गई है जो वर्ष 2019-20 के दौरान प्रदान की गई.
उन्होंने कहा कि राज्यों को कोविड आपदा से निपटने के लिए आपात मदद के तौर पर 15 हजार करोड़ रुपये से अधिक की अतिरिक्त राशि दी गई है. 30 नवंबर 2021 तक राज्यों का कुल नकदी की स्थिति बेहतर रही है और यह करीब 3.08 लाख करोड़ रुपये है.