नयी दिल्ली : सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लाखों कर्मचारियों ने सरकारी बैंकों के निजीकरण के विरोध में बृहस्पतिवार को दो दिन की हड़ताल शुरू कर दी जिससे देशभर में बैंकों (bank strike) का कामकाज प्रभावित रहा.
ग्राहकों को हड़ताल (bank strike ) की जानकारी देने के साथ भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), पंजाब नेशनल बैंक और बैंक ऑफ इंडिया जैसे सरकारी बैंकों की कई शाखाएं बृहस्पतिवार को बंद रहीं. शुक्रवार को भी सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं.
यह हड़ताल अखिल भारतीय बैंक अधिकारी परिसंघ (एआईबीओसी), अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) और राष्ट्रीय बैंक कर्मचारी संगठन (एनओबीडब्ल्यू) सहित नौ बैंक संघों मंच यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन (यूएफबीयू) ने बुलायी है.
शाखाओं में जमा और निकासी, चेक समाशोधन और ऋण मंजूरी जैसी सेवाएं प्रभावित हुईं. हालांकि, कई जगहों पर एटीएम सही तरह से काम कर रहे थे. एआईबीईए के महासचिव सी एच वेंकटचलम के मुताबिक बृहस्पतिवार को 18,600 करोड़ रुपये के 20.4 लाख चेक से जुड़ा लेनदेन नहीं हो सका. एसबीआई सहित सरकारी बैंकों ने ग्राहकों को पहले ही सूचित कर दिया था कि हड़ताल के कारण उनकी शाखाओं में सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं.
हालांकि, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक जैसे निजी क्षेत्र के बैंकों में कामकाज सामान्य दिनों की तरह रहा. अंतर-बैंक चेक समाशोधन प्रभावित हुआ. उधर, महाराष्ट्र में यूएफबीयू के राज्य समन्वयक देवीदास तुलजापुरकर ने कहा कि मुंबई के आजाद मैदान में 5,000 बैंक कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने कहा कि सफाई कर्मचारी से लेकर वरिष्ठ अधिकारी तक सभी वर्ग के अधिकारी हड़ताल में हिस्सा ले रहे हैं.
चेन्नई में बैंक कर्मचारियों के एक वर्ग ने काला बैज पहनकर विरोध प्रदर्शन किया और केंद्र के कदम के फैसले के खिलाफ नारे लगाए. वहीं राजस्थान की राजधानी जयपुर में बैंक कर्मचारियों ने अंबेडकर सर्किल के पास एसबीआई कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. वेंकटचलम ने कहा, "सरकारी बैंक सामान्य रूप से हमारे देश के आर्थिक विकास में और विशेष रूप से समाज के वंचित वर्गों तथा देश के पिछड़े क्षेत्रों के लिए उत्प्रेरक के रूप में काम करते हैं.
उन्होंने कहा, "सरकारी बैंकों ने कृषि, लघु व्यापार, लघु व्यवसाय, लघु उद्योग, छोटे पैमाने के उद्योगों (एसएसआई), परिवहन और समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान में एक अहम भूमिका निभायी है."
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