रांचीः राजधानी स्थित बैंक ऑफ इंडिया के हरमू सहजानंद चौक शाखा के पीओ सुप्रियो मजूमदार ने आत्महत्या कर ली. रविवार की देर रात उनका शव रांची के अनंतपुरी स्थित घर से बरामद किया गया है. मौके पर से पांच पन्नों का एक सुसाइड नोट बरामद किया गया है.
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रामगढ़ पुलिस पर गंभीर आरोपःसुसाइड नोट में यह आरोप लगाया गया है कि रामगढ़ थाना के आईओ ए समद और डीएसपी के रीडर ने उन्हें एक मामले में जेल भेजने की धमकी दी थी, जबकि सीबीआई ने एक केस में दो साल पहले ही सुप्रियो को क्लीन चिट दे दी थी. सुप्रियो अपने पिता आलोक मजूमदार और पत्नी के साथ चुटिया के अनंतपुरी में ही रहते थे. परिजनों के अनुसार दिन के दो बजे सुप्रियो से उनके एक दोस्त की बातचीत हुई थी. शाम साढ़े चार बजे पूजा कमेटी की एक बैठक थी, उस बैठक में शामिल होने के लिए सुप्रियो ने अपने पिता को कमेटी के कार्यालय तक स्कूटी से पहुंचा दिया. इसके बाद वह घर लौट आया.
रात में जब उनके पिता घर पहुंचे तो देखा कि भीतर से दरवाजा बंद है. काफी आवाज देने के बाद भी भीतर से कोई जवाब नहीं आया, शोर मचाने के बाद आसपास के लोग दरवाजा तोड़कर घुसे तो देखा कि सुप्रियो मजूमदार का शव वहां पड़ा है. आनन-फानन में उन्हें पास के एक अस्पताल ले जाया गया, जहां मौजूद चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. घटना की जानकारी मिलने के बाद चुटिया पुलिस मौके पर पहुंची. पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए रिम्स भेज दिया.
आईओ और डीएसपी के रीडर ने सुप्रियो को दी धमकीःबैंक ऑफ इंडिया के पीओ सुप्रियो मजूमदार ने रामगढ़ पुलिस पर प्रताड़ना का आरोप लगाया है. सुसाइड नोट में यह लिखा है कि रामगढ़ थाने की पुलिस की ओर से उन्हें 41ए का नोटिस दिया गया था. उस नोटिस को लेकर दो दिन पहले सुप्रियो रामगढ़ थाना गए थे. केस के आईओ ए समद से मिले. उनसे कहा कि सीबीआई ने उन्हें क्लीन चिट दी है तो फिर उन्हें नोटिस क्यों किया गया. इस पर आईओ ने उनसे कहा कि मामला बहुत गंभीर है, ऊपर के अधिकारियों ने उन्हे गिरफ्तार कर जेल भेजने का आदेश दिया है. इसलिए केस को जल्द मैनेज कर लें. रामगढ़ सदर थाना प्रभारी रोहित कुमार ने बताया कि बैंक अधिकारी सुप्रियो मजूमदार को 41ए के तहत नोटिस भेजा गया था, जिसमें उन्हें जवाब देना था.
आईओ ने उन्हें सलाह दी कि वे एसपी और डीएसपी से जा कर तुरंत भेंट कर लें. इसी आधार पर सुप्रियो रामगढ़ डीएसपी के कार्यालय गए. मगर डीएसपी कार्यालय में मौजूद नहीं थे, तब डीएसपी के रीडर से उन्होंने बात की तो उसने भी उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजने की धमकी दी, कहा कि केस को जल्द मैनेज कर लें. इसी बात को लेकर वे काफी परेशान थे. परिजनों का आरोप है कि पुलिस की धमकी की वजह से ही सुप्रियो ने आत्महत्या की है. इधर, चुटिया पुलिस मामले की जांच में जुट गई है.
सीबीआई ने दी थी सुप्रियो को क्लीन चिटःसुप्रियो मजूमदार के पास से मिले सुसाइड नोट में कहा गया कि 2018 में वह रामगढ़ में पदस्थापित थे. उस वक्त उनके बैंक से गलत तरीके से एक ट्रैक्टर का लोन दिया गया था. इस मामले में सीबीआई जांच हुई. जिसमें बैंक के दो अधिकारियों को जेल हुआ. जिसके बाद दोनों अधिकारियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था. इसी मामले में सीबीआई ने जांच के बाद उन्हें क्लीन चिट दी थी.
पिता, पत्नी और बहन से भी मांगी माफीःसुसाइड नोट में सुप्रियो ने अपने पिता, पत्नी और बहन से भी माफी मांगी है. उसने पत्नी से कहा कि थाने में जो अपमान हुआ, तुम्हे मैं बता नहीं सकता हूं कि इस वक्त वो कैसा महसूस कर रहे हैं. मुझे माफ कर देना और परिवार का ध्यान रखना.
डेढ़ माह पहले ट्रांसफर होकर आए थे रांचीःपरिजनों ने बताया कि सुप्रियो मजूमदार हजारीबाग में पदस्थापित थे. डेढ़ माह पहले उनका ट्रांसफर रांची के सहजानंद चौक स्थित शाखा में हुआ था. एक सप्ताह पहले पत्नी अपने जमशेदपुर स्थित मायके गई थी. घर पर सुप्रियो और उनके पिता ही रह रहे थे.