केंद्रापड़ा : भारतीय सेना (Indian Army) द्वारा इस्तेमाल किए गए एक युद्धक टैंक को 'वॉर ट्रॉफी' स्मृति चिह्न (War Trophy memento) के तौर पर यहां केंद्रपड़ा स्वायत्त कॉलेज लाया गया. यह युद्धक टैंक 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम (Bangladesh Liberation War) में इस्तेमाल किया गया था. इस स्मृति चिह्न को यहां लाने का उद्देश्य ओडिशा के छात्रों और युवाओं को रक्षा बलों में शामिल होने के लिए प्रेरित करने और उनके बीच देशभक्ति की भावना का प्रचार करना है.
रूस द्वारा निर्मित टी-55 युद्धक टैंक को नई दिल्ली में सेना मुख्यालय, मास्टर जनरल ब्रांच, आयुध सेवा निदेशालय से हासिल किया गया. इसके लिए तत्कालीन सेना प्रमुख और मौजूदा प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत की मंजूरी ली गई.
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