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Ban on road rallies : SC ने सड़कों पर जनसभाओं पर रोक के आदेश के खिलाफ अपील आंध्र प्रदेश HC को वापस भेजी - sc remits back to andhra hc state govt plea

आंध्र प्रदेश में एनएच समेत विभिन्न सड़कों पर जनसभा और रैलियों पर रोक लगाने के शासन के आदेश के खिलाफ अपील को सुप्रीम कोर्ट ने वापस आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट को भेज दिया है. सीजेआी की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह बातें सुनवाई में कहीं. Ban on road rallies

Supreme Court
सुप्रीम कोर्ट

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Published : Jan 20, 2023, 7:16 PM IST

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने आंध्र प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्ग सहित विभिन्न सड़कों पर जनसभाओं और रैलियों को प्रतिबंधित करने वाले शासनादेश के अमल पर रोक संबंधी उच्च न्यायालय के हालिया फैसले के खिलाफ राज्य सरकार की अपील शुक्रवार को फिर से अदालत को वापस भेज दी. प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा की पीठ ने राज्य सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता सी. एस. वैद्यनाथन की दलीलों पर गौर किया और आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से अनुरोध किया कि वह अपनी अध्यक्षता वाली खंडपीठ द्वारा याचिका पर सुनवाई सुनिश्चित करें.

याचिका पर सुनवाई शुरू होने पर वैद्यनाथन ने उच्च न्यायालय में घटनाओं के क्रम का उल्लेख करते हुए प्रक्रियात्मक चूक को रेखांकित किया था. वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा, 'यह (उच्च न्यायालय की)अवकाशकालीन पीठ का घोर उल्लंघन है. अवकाश पीठ ऐसा कैसे कह सकती है.' उन्होंने कहा कि प्रक्रिया के अनुसार राज्य सरकार के नीतिगत फैसलों से संबंधित किसी भी मामले पर उच्च न्यायालय की अवकाशकालीन पीठ सुनवाई नहीं कर सकती.

वैद्यनाथन ने कहा कि राज्य सरकार के फैसले पर याचिका का उल्लेख शीतकालीन अवकाश के दौरान किया गया था और उसी दिन उच्च न्यायालय ने इस आदेश पर रोक लगा दी थी. प्रधान न्यायाधीश ने कहा, 'हम उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से अनुरोध करेंगे कि 23 जनवरी को अपनी अध्यक्षता वाली उच्च न्यायालय की खंडपीठ द्वारा मामले की सुनवाई सुनिश्चित करें,' शीर्ष अदालत ने इसके बाद मामले को दोबारा आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय भेज दिया. वकील महफूज अहसान नाज़की ने भी अदालत में आंध्र प्रदेश सरकार का पक्ष रखा.

उच्चतम न्यायालय ने 18 जनवरी को कहा था कि वह आंध्र प्रदेश सरकार की उस याचिका पर सुनवाई करेगा, जिसमें राष्ट्रीय राजमार्ग समेत सड़कों पर जनसभाओं और रैलियों को प्रतिबंधित करने वाले शासनादेश के क्रियान्वयन पर रोक लगाने के उच्च न्यायालय के हालिया आदेश को चुनौती दी गई है. आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने 12 जनवरी को इस शासनादेश (जीओ) के अमल पर 23 जनवरी तक रोक लगा दी थी.

अदालत ने कहा था, 'अदालत का प्रथम दृष्ट्या मानना है कि शासनादेश संख्या-एक पुलिस अधिनियम, 1861 की धारा 30 के तहत निर्धारित प्रक्रिया के विपरीत है.' खंडपीठ ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के राज्य सचिव के. रामकृष्ण की ओर से शासनादेश के खिलाफ दायर याचिका पर यह अंतरिम आदेश दिया था और मामले को आज (20 जनवरी) की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया था. वाई. एस. जगनमोहन रेड्डी की सरकार ने गत 28 दिसंबर को कंदुकुरु में मुख्य विपक्षी तेलुगू देशम पार्टी द्वारा आयोजित एक रैली में मची भगदड़ के मद्देनजर दो जनवरी की आधी रात को शासनादेश संख्या-एक जारी किया था. भगदड़ में आठ लोग मारे गए थे. निषेधाज्ञा पुलिस अधिनियम, 1861 के प्रावधानों के तहत जारी की गई और पुलिस ने तुरंत इस पर अमल शुरू कर दिया था.

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