नई दिल्ली: देशभर में गुरुवार को मुस्लिम समुदाय के लोग धूमधाम से बकरीद सेलिब्रेट करेंगे. छुट्टी के दिन लोग घूमने भी जाएंगे. परिवार और रिश्तेदार के लोग घर पर भी आयेंगे. लेकिन दिल्ली यूनिवर्सिटी (डीयू) में इस बार बकरीद पर छुट्टी नहीं रहेगी. डीयू में कार्यरत सभी कर्मचारियों को काम पर आना होगा. 29 जून को बकरीद के मौके पर डीयू में कार्यदिवस रहेगा. दरअसल, डीयू 100 साल पूरे करने के उपलक्ष्य में शताब्दी समारोह मना रहा है. 30 जून को इस शताब्दी समारोह का समापन कार्यक्रम होगा. इस कार्यक्रम में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य अतिथि के तौर पर होंगे. कार्यक्रम की तैयारी को देखते हुए बकरीद की छुट्टी को रद्द किया गया है.
दिल्ली यूनिवर्सिटी के द्वारा जारी नोटिस के अनुसार, शताब्दी समारोह का समापन समारोह शुक्रवार 30 जून को निर्धारित है. समारोह से पहले सभी व्यवस्थाएं पूरी करने की दृष्टि से, विश्वविद्यालय गुरुवार, 29 जून को सभी कर्मचारियों के लिए कार्य दिवस के रूप में मनाएगा. वहीं, नोटिस में यह भी कहा गया है कि विश्वविद्यालय में जो कर्मचारी 29 जून को त्योहार मनाना चाहते हैं, उन्हें कार्यालय में उपस्थित होने से छूट दी गई है. हालांकि, डीयू के इस नोटिस को लेकर डीयू शिक्षकों के एक वर्ग ने आपत्ति जताई है. शिक्षकों ने ईद-उल-जुहा के त्योहार के बावजूद 29 जून को कार्य दिवस के रूप में मनाने के विश्वविद्यालय के फैसले की निंदा की है और इस कदम को 'सांप्रदायिक और असंवेदनशील' करार दिया है.
फैसले को वापस लेने की मांग
सोशल मीडिया पर डीयू के इस नोटिस को लेकर कई मुस्लिम ट्विटर यूजर इस नोटिस को शेयर कर इसे गलत करार दे रहे हैं. अधिकतर यूजर का कहना है कि क्या दिल्ली यूनिवर्सिटी इस तरह के फैसले होली और दीवाली पर ले सकती है. बकरीद पर पहले से ही छुट्टी घोषित रहती है. इस दिन सिर्फ मुस्लिम समुदाय के लोग ही नहीं बल्कि यहां अन्य समुदाय के लोग भी आते हैं. 29 जून को कार्यदिवस के फैसले को वापस लेना चाहिए