नई दिल्ली: यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने भारतीय कुश्ती संघ की सदस्यता को 24 अगस्त को समाप्त कर दिया है. विश्व कुश्ती संघ ने यह फैसला भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के चुनाव नहीं होने की वजह से लिया है. WFI की सदस्यता के खत्म होने की वजह से भारतीय रेसलर्स को एक नई समस्या का सामना करना पड़ेगा. भारतीय पहलवान देश के झंडे के अंतर्गत किसी भी प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं ले सकेंगे.
भारतीय कुश्ती संघ की सदस्यता रद्द होने के बाद तमाम राजनीतिक दलों ने भी सोशल मीडिया पर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है और कहा है कि एक अपराधी को बचाने के लिए भारतीय कुश्ती संघ की बलि दे दी गई है.
इसी बीच निवर्तमान भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने वाले पहलवान बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक ने भी अपना आक्रोश जताया है. एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर साक्षी मलिक ने पोस्ट किया है कि भारतीय कुश्ती के लिए आज काला दिन है. बृजभूषण और उसके गुर्गों के कारण देश के पहलवान तिरंगे के साथ नहीं खेल पाएंगे. तिरंगा देश की शान है और हर खिलाड़ी का सपना होता है कि वह जीतने के बाद तिरंगा को मैदान में लेकर दौड़े.
इसी तरह पहलवान बजरंग पूनिया ने भी लिखा है कि भारतीय कुश्ती के लिए आज काला दिन है. बृजभूषण और उसके गुर्गों के कारण देश के पहलवान तिरंगे के साथ नहीं खेल पाएंगे. आखिर एक अपराधी को बचाने के लिए भारतीय कुश्ती संघ की बलि दे दी गई.
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