जम्मू :जम्मू-कश्मीर की एक कोर्ट ने उस आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी जो पुलिस या सेना का जवान बनकर युवा जोड़ों को परेशान करता था. आरोपी, दो अन्य लोगों के साथ झेलम के निचले हिस्से में आने वाले आगंतुकों को पीटता था और कानूनी कार्रवाई की धमकी देकर उनसे कीमती सामान और नकदी की वसूली करता था.
उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले में युवा जोड़ों को परेशान करने, धमकी देने और उनसे कीमती सामान, नकद की मांग करने के लिए खुद को पुलिस या सेना के जवान बताता था. कोर्ट ने आरोपी व्यक्ति की जमानत याचिका खारिज कर दी. यह आदेश न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी बोनियार शाहबर अयाज ने पारित किया.
पुलिस रिपोर्ट से पता चला कि विश्वसनीय सूत्रों से मिले इनपुट के आधार पर जानकारी मिली कि गांव चेहलान में एम इलियास खान (आरोपी नंबर 2) कुछ अन्य व्यक्तियों के साथ गुप्त रूप से लोगों के वीडियो बनाते थे. खासकर उन युवा जोड़ो के जो झेलम के निचले हिस्से में घूमने आते थे.
वे खुद को पुलिय या सेना का जवान बताकर वहां आने वालों को पीटते थे, उन्हें परेशान करते थे और पैसे की मांग करते थे. उनकी मांगें नहीं मानने पर कानूनी कार्रवाई की धमकी देकर उनसे कीमती सामान और नकदी छीन लेते थे.
इसके बाद पुलिस द्वारा तीनों आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में आपराधिक मामला दर्ज किया गया. तीनों आरोपियों में से एक (आरोपी नंबर 1) सेना जीडीएचसी में कार्यरत पाया गया. पुलिस ने आरोपी नं. 2 और 3 और उनके मोबाइल फोन जब्त किए जिनमें कई रिकॉर्ड किए गए ऑडियो-वीडियो क्लिप और चैट पाए गए.
अदालत ने विशेष रूप से एक उदाहरण का उल्लेख किया जिसमें आरोपी नंबर 1 ने अपनी आधिकारिक वर्दी और आईडी कार्ड का दुरुपयोग किया और लड़की को परेशान करने के लिए बारामूला गया और उसे धमकी दी.