बागपत: पीएम मोदी के तीनों कृषि कानून वापस लेने के बाद भी किसानों में गुस्सा देखने को मिल रहा है. किसानों में आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों के बारे में पीएम के द्वारा कुछ भी न बोलने और गन्ने के भुगतान न होने को लेकर नाराजगी दिखाई दे रही है. किसान कृषि कानून वापसी के ऐलान के बाद भी सरकार से खुश नजर नहीं आ रहे हैं.
किसानों ने कहा कि पिछले एक वर्ष से पूरे देश का किसान आंदोलन कर रहा था. देश के प्रधानमंत्री ने एक बार भी किसानों की शहादत के लिए न तो कोई ट्वीट किया न कुछ बोला. आज यूपी का चुनाव जब सर पर है और पूरे देश से आवाज आ रही है कि किसान सरकार के विरोध में हैं. किसानों ने सरकार बनाई थी और सरकार को उखाड़ कर फेंक देंगे. किसानों से डर कर आज चुनाव के दबाव में कृषि कानून वापस लिए हैं.
किसानों ने कहा कि आज ये सिद्ध हो गया कि सरकार ने जो ये कानून बनाये थे ये पूंजीपतियों के लिए थे न कि किसानों के लिए. आज प्रधानमंत्री का यह कहना कि हम एसएसपी पर कमेटी बनाएंगे. कृषि कानून वापस होंगे. पीएम का कहना है कि किसानों को हम समझा नहीं पाए. एक साल से किसानों को समझाने की ही बात कर रहे थे.