रायपुर: हम बात कर रहे हैं संस्था बढ़ते कदम की ओर से संचालित आनंद आश्रम की, जहां के 12 बुजुर्गों ने मृत्युपरांत शरीर को दान करने का निर्णय लिया है.elderly took resolution of body donation in raipur आनंद आश्रम में कुल 35 बुजुर्ग निवासरत हैं. जिनमें 22 महिलाएं हैं. यहां महाराष्ट्र, ओडिशा, झारखंड समेत अनेक राज्यों के बुजुर्गों को आश्रय दिया गया है. इनमें से 12 बुजुर्गों ने मानवता का संदेश देते हुए अपने देहदान का निर्णय लिया है. इन बुजुर्गों के इस फैसले की सराहना काफी ज्यादा हो रही है.badhte kadam organization ऐसे में ईटीवी भारत इन बुजुर्गो के पास पहुंचा और जानने की कोशिश की, आखिर देहदान का उन्होंने निर्णय क्यों लिया.
क्या कहते हैं दान दाता:नरेंद्र कौर कहती हैं कि "रायपुर की रहने वाली हूं. पिछले 2 साल से यहां रह रही हूं. इससे पहले 10 साल से संजीवनी में रह रही थी.elderly took resolution of body donation in raipur हम यह चाहते हैं कि हमारे देश के जो बच्चे हैं. जिन्हें डॉक्टर की पढ़ाई करनी है.badhte kadam organization उन बच्चों के लिए हमारे अंग काम आ सकें. देश में यह कार्य सभी करें, जिससे लोग जागरूक हो और प्रेरणा मिले कि देश के लिए हमें भी कुछ करना चाहिए.
"हमारा शरीर किसी के काम तो आए":नानक राम नामदेव कहते हैं कि "हमारे पास समाजिक संगठन के कुछ लोग आए थे. उन्होंने हमसे पूछा कि आप हमें कुछ दे सकते हैं क्या. elderly took resolution of body donation in raipur जिसके बाद हमने कहा कि बिल्कुल जो चाहिए ले सकते हैं.badhte kadam organization उन्होंने हमें देहदान के बारे में बताया. जिस पर हमने हामी भर दी. कम से हमारा शरीर किसी के काम तो आएं. क्योंकि बहुत से लोगों को शरीर के कुछ अंगों की जरूरत होती है. ऐसे में हमारी वजह से किसी की मदद हो जाए. इससे बेहतर और क्या हो सकता है."