नई दिल्ली : भाजपा की अगुआई वाली केंद्र सरकार द्वारा विभिन्न मंत्रालयों में संयुक्त सचिव और निदेशक स्तर पर भर्ती करने की घोषणा के बाद, पिछड़े समुदायों का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठनों ने नई लेटरल भर्ती (lateral recruitment) को लेकर सरकार के खिलाफ विरोध शुरू कर दिया है. संगठनों का कहना है कि इसमें एससी, एसटी और ओबीसी सहित अन्य जातियों को कोई आरक्षण नहीं दिया गया है. संगठनों ने कहा कि वह विरोध में भारत बंद करेंगे.
यूपीएससी के छात्रों को होगा नुकसान
इसी सिलसिले में दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन करते हुए, मिशन जय भीम के सदस्य, पुष्पेंद्र ने कहा, 'यूपीएससी की तैयारी करने वाले छात्रों को भारी झटका का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि संयुक्त सचिव-स्तर के प्रतिष्ठित पद अब उन लोगों को दिए जाएंगे जो योग्य भी नहीं हैं.' उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार अब उन लोगों की भर्ती करेगी, जिन्होंने पद संभालने में उनकी मदद की.
पदोन्नति नहीं होगी
वहीं मिशन जय भीम के अध्यक्ष सुभाष चंद ने कहा कि सरकारी नौकरियों में प्रथम श्रेणी कर्मचारियों की लेटरल भर्ती करना अच्छा नहीं है, क्योंकि उनके पास कोई और पदोन्नति नहीं होगी. पदोन्नति अब उन लोगों के लिए आरक्षित की जाएगी, जिन्हें पिछले दरवाजे से प्रवेश मिलता है.
उन्होंने कहा, 'सरकार लेटरल भर्ती करेगी, ऐसे में जो लोग राजनीति से प्रेरित हैं ऐसे में भर्ती पार्टी एजेंडा के अनुसार होगी.'