नई दिल्ली :प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दौर के अग्रणी दलित नेता और पूर्व उप प्रधानमंत्री जगजीवन राम को मंगलवार को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी. उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान और आजादी के बाद जगजीवन राम के उल्लेखनीय योगदान को देश हमेशा याद रखेगा. प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, 'बाबू जगजीवन राम जी की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन. हमारा देश हमेशा उनके उल्लेखनीय योगदान को याद रखेगा, चाहे वह स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान हो या आजादी के बाद. प्रशासनिक कौशल और गरीब वर्ग के लिए उनकी चिंता को लेकर उनकी व्यापक रूप से प्रशंसा की जाती है.'
बाबू जगजीवन राम का जन्म 5 अप्रैल, 1908 में बिहार में हुआ था. वह एक स्वतंत्रता सेनानी थे. उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू तथा इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली सरकारों में मंत्री पद पर सेवाएं दी थीं. वह आपातकाल लगाने का विरोध करते हुए कांग्रेस से अलग हो गए थे और फिर जनता पार्टी की सरकार में उप प्रधानमंत्री के रूप में अपनी सेवाएं दी थीं. वह 1977–79 तक भारत के उप प्रधानमंत्री रहे.
बिहार के एक दलित परिवार में जन्म लेने वाले जगजीवन को 'बाबूजी' के नाम से जाना जाता है, वह एक राष्ट्रीय नेता होने के साथ एक सामाजिक न्याय के योद्धा और दलितों के विकास के लिए आवाज उठाने वाले व्यक्ति थे. उन्होंने आरा के एक स्कूल से पढ़ाई की. अपनी स्कूली पढ़ाई के दौरान 'बाबूजी' ने दलितों के साथ होने वाले भेदभाव की पीढ़ा देखी. जिसके बाद उन्होंने इन सामाजिक भेदभाव को लांगा ही नहीं बल्कि इसका पुरजोर तरीके से विरोध भी किया और अपनी बात मनवाई. अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद जगजीवन 1931 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हो गए. वह 1936 से 1986 कर लगातार 40 वर्षों तक संसद के सदस्य रहे, जो एक विश्व रिकॉर्ड है.