जयपुर.योग के साथ-साथ अपने बयानों को लेकर भी चर्चाओं में रहने वाले योग गुरु बाबा रामदेव शुक्रवार को इशारों इशारों में गांधी परिवार (Baba Ramdev target Gandhi family indirectly) पर तंज कसते दिखे. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय अधिवेशन में शामिल होने के लिए जयपुर पहुंचे बाबा रामदेव ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि बहुत से विद्यार्थी हैं जो पढ़ाई में भी अच्छे मार्क्स लाते हैं. पढ़ाई में अच्छे मार्क्स ना भी लाए तो आंदोलन तो ठोक कर करते हैं. जब उनके आंदोलन की बात आई तो उन्होंने उस खानदान की जड़ें भी ऐसे हिलाई कि अब बेचारे माफी मांगते घूम रहे हैं.
जयपुर में 25 से 27 नवंबर तक होने वाले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के 68वें राष्ट्रीय अधिवेशन का योग गुरु बाबा रामदेव ने (Baba Ramdev reached in 68th session of ABVP) भव्य उद्घाटन किया. उद्घाटन कार्यक्रम में नवनिर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष राज शरण शाही और राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल के साथ देशभर से सैकड़ों की संख्या में आए कार्यकर्ता मौजूद रहे. इसमें सुदूर पूर्वोत्तर राज्यों से, जम्मू कश्मीर और लद्दाख से भी कार्यकर्ता अधिवेशन में हिस्सा लेने पहुंचे.
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विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए बाबा रामदेव ने कहा कि अतीत के गौरव और वर्तमान के शौर्य पराक्रम के साथ आने वाले समय में सभी क्षेत्रों में सभी प्रकार से भारत पूरे विश्व का नेतृत्व करें. ये महान जिम्मेदारी अखिल भारतीय विद्यार्थी को लेनी होगी. ये क्षमता भी केवल विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता ही रखते हैं. आज लेनिन, मार्क्स के लोग भारत में घूमते हैं, इनका हमसे क्या रिश्ता है?. हम मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम और श्री कृष्ण से भारतवासियों का खून का रिश्ता है. ऋषि मुनियों, ज्ञानी, विद्वान जनों और महान पराक्रमी जनों की संतानें हैं. ये विद्यार्थी परिषद का भारत बोध है.
बाबा रामदेव ने दिलाया संकल्प
उन्होंने विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं को वोकल फॉर लोकल और लोकल फॉर ग्लोबल के कार्य को करने का जिम्मा अपने कंधों पर उठाने का संकल्प दिलाया. साथ ही कहा कि ये काम युवा शक्ति ही कर सकती है. बाबा राम देव ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आज देश में कश्मीर से कन्याकुमारी, पश्चिम से सुदूर पूर्वोत्तर राज्यों तक भारत मां को जयकार करने वाले युवाओं को श्रेणी निकलती है, तो उसका श्रेय विद्यार्थी परिषद को जाता है. एबीवीपी समाज के उत्थान और छात्र हितों से संबंधित जिन भी समस्या को लेकर चलती है, उन समस्याओं को समाधान तक लेकर जाती है.
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इस दौरान उन्होंने न सिर्फ गांधी परिवार पर तंज कसा, साथ ही कम्युनिज्म की बातें करने वालों को भी आड़े हाथों लिया. बाबा रामदेव ने कहा कि भारत में पैदा होकर यर साम्यवादी, ये सेक्युलरिज़्म का पाठ पढ़ाने वाले हमें कम्युनिज्म मानते हैं. यदि कोई तथाकथित कम्युनिस्ट तर्क की बात करे तो उन्हें एक बार शी जिनपिंग या किम जोंग के पास जाने को कह देना. कम्युनिज्म के नाम पर बौद्धिक दिवालियापन आतंकवाद है. इसके शिकार और बीमार का इलाज भी आप लोग (युवा) ही करते हैं.
वहीं देश में बढ़ती आबादी को लेकर रामदेव ने कहा कि जल्द भारत की आबादी 150 करोड़ हो जाएगी, ऐसे में देश में जल्द जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू हो. साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया की संस्कृत में लिखी हर बात भारत की संस्कृति नहीं है. भारतीय संस्कृति में जाति-धर्म, स्त्री पुरुष के नाम पर कोई पक्षपात नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि 18 वीं सदी में मैकाले जो पाप करके गया, उसे साफ करने की जिम्मेदारी भी युवाओं की ही है. इस दौरान उन्होंने विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं को संकल्प दिलाया कि भगवान के विधान और देश के संविधान का कभी अपमान नहीं करेंगे. 10 बार सूर्यनमस्कार अवश्य करेंगे. वहीं मंच से उन्होंने अनुलोम-विलोम, कपालभाति जैसे योग करने का तरीका भी बताया.
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इससे पहले एबीवीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ राज शरण शाही ने कहा कि भारत आर्थिक ही नहीं नैतिक दृष्टि से भी समृद्ध था. भारत ने हर क्षेत्र में विश्व का मार्गदर्शन किया है. वहीं एबीवीपी के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि राजस्थान भारत के स्वाभिमान का प्रतीक है. अकबर को धूल चटाने का इतिहास का साक्षी है. तिरंगा फहराने में अभी तक पूरे देशवासियों की भूमिका सुनिश्चित नहीं हो पाई थी. लेकिन एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने सभी के तिरंगा फहराने का काम किया. उन्होंने कहा कि राजस्थान की एक पार्टी है जिसका नाम 'C' से शुरू होता है और करप्शन की शुरुआत भी इसी 'C' से होती है. शिक्षक भर्ती में एक बहुत बड़ा भ्रष्टाचार हुआ और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने इसका पुरजोर विरोध किया और आखिरकार सरकार को झुकते हुए इस परीक्षा को रद्द करना पड़ा.
एबीवीपी के राष्ट्रीय अधिवेशन के उद्घाटन सत्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक कार्यकर्ता, बीजेपी पदाधिकारी और बीजेपी विधायक भी मौजूद रहे. इस दौरान बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े अपने पुराने अनुभव भी साझा किए.