देहरादून: योग गुरु बाबा रामदेव एक ऐसा नाम है, जो अब शायद किसी परिचय का मोहताज है. योग को नये रूप में दुनियाभर में पहुंचाने का श्रेय योग गुरु बाबा रामदेव को जाता है. बाबा रामदेव की योग में तमाम उपलब्धियों को देखते हुए ही उन्हें योग गुरु कहा जाता है. एक छोटे से परिवार में जन्मे योग गुरु रामदेव आज योग के कारण दुनिया भर में जाने जाते हैं. इतना ही नहीं वे देश के जाने माने धनाढ्य लोगों से भी एक हैं. पतंजलि योगपीठ ब्रांड को लेकर आगे बढ़े स्वामी रामदेव की कंपनी की स्थिति आज ऐसी है कि हिंदुस्तान लीवर जैसी कंपनियां भी उनसे घबरा रही हैं. बाबा की नेटवर्थ से लेकर उनके रहन-सहन का स्टाइल किसी से छुपा नहीं है. कभी साइकिल में चलने वाले योग गुरु स्वामी रामदेव आखिरकार कैसे इतने बड़े साम्राज्य के कर्ताधर्ता बन गये चलिए आपको बताते हैं.
आज हरिद्वार ही नहीं देश के तमाम जगहों पर बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि (Ramdev company Patanjali) अपनी छाप छोड़ रही हैं. उनको करीब से जानने वाले लोग आज भी बताते हैं कि कुछ समय पहले बाबा रामदेव और उनके सहयोगी आचार्य बालकृष्ण हरिद्वार के कनखल स्थित आश्रम में चंद लोगों को योग सिखाते थे. साथ ही ये दोनों साइकिल पर आयुर्वेदिक दवाइयों को बेचा करते थे.
हरिद्वार स्थित कनखल के दो कमरों के आश्रम से स्वामी रामदेव ने अपनी शुरुआत की थी. आज से लगभग 22 वर्ष पहले स्वामी रामदेव सिर्फ हरिद्वार और हरिद्वार के कनखल तक ही अपनी पहुंच रखते थे, मगर आज बात कुछ और है. आज योग गुरु स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण की पहुंच का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि पतंजलि योगपीठ के सीईओ आचार्य बालकृष्ण का नाम देश के 10 सबसे अमीर इंसानों में आता है. 2017 में चीन की जानी मानी पत्रिका में इस बात का खुलासा हुआ था.
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बाबा की कमाई और टर्नओवर: आचार्य बालकृष्ण का नाम हम इसलिए ले रहे हैं. क्योंकि योग गुरु रामदेव का सीधे तौर पर अपने संस्थान में कहीं भी नाम नहीं है. आचार्य आचार्य बालकृष्ण ना केवल साइनिंग अथॉरिटी हैं. बल्कि बाबा रामदेव के यहां तक के सफर में उनका चोली दामन का साथ रहा है. बाबा रामदेव ने अपने साम्राज्य को खड़े करने की शुरुआत छोटे-छोटे योग कैंप से की थी. शुरुआती दिनों में योग गुरु रामदेव के कैंप में जितने भी लोग आते उन्हें रामदेव फ्री में योग सिखाते थे.
आज आलम यह है कि योग गुरु रामदेव जिस शहर जिस राज्य में जाते हैं, वहां भी लाखों रुपए कमाते हैं. हरिद्वार स्थित उनके आश्रम में योग कैंप में शामिल होने वाले लोगों को अच्छी खासी फीस देनी पड़ती है. योग से शुरुआत करने वाले स्वामी रामदेव की नेटवर्थ आज लगभग 1400 करोड़ रुपए है. बताया जाता है कि स्वामी रामदेव की यह कमाई योग, एमएससीजी बिजनेस और पतंजलि योगपीठ द्वारा अलग-अलग कार्यों से होती है. बाबा ने बीते दिनों खुद कहा था की उनका टर्नओवर लगभग 25 हजार करोड़ रुपए है.
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रुचि सोया को आसमान पर ले आए बाबा:एक अनुमान के मुताबिक पतंजलि आयुर्वेदिक संस्थान ने 2019 और 2020 में 425 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया. जिसके बाद स्वामी रामदेव ने देश की जानी-मानी रुचि सोया कंपनी को खरीदने (Baba Ramdev bought Ruchi Soya Company) का फैसला लिया था. घाटे में चल रही इस कंपनी को जब स्वामी रामदेव ने खरीदा उसके बाद इसके दिन फिर गये. अक्टूबर से दिसंबर तक स्वामी रामदेव ने रुचि सोया कंपनी से लगभग 227 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया. आज रुचि सोया कंपनी की कमाई लगभग 4475 करोड़ से अधिक हो गई है.