पटना:बागेश्वर धाम सरकार पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के बिहार दौरे का आज तीसरा दिन है. पटना जिले के नौबतपुर स्थित तरेत पाली मठ में 13 मई से 17 मई तक उनका हनुमंत कथा प्रवचन का आयोजन किया गया. इसके तहत आज दिव्य दरबार लगाया गया. हालांकि रविवार देर रात इसे रद्द करने का ऐलान कर दिया गया था. दरअसल बाबा के दरबार में अनुमान से कहीं अधिक भीड़ उमड़ रही है. बताया जाता है कि रविवार को करीब 15 लाख लोग जुटे थे, जिस वजह से श्रद्धालुओं को सांस लेने में भी तकलीफ होने लगी थी. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए बाबा ने कम समय में ही हनुमान कथा को समाप्त कर दिया था. वहीं आज भी बड़ी संख्या में भक्त बाबा के दर्शन करने पहुंचे.
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बाबा बागेश्वर की भक्तों से अपील:लगातार उमड़ती भीड़ को देखते हुए बाबा बागेश्वर ने भक्तों से अपील की है कि वह पंडाल में ना आएं. उन्होंने संदेश जारी कर कहा कि आप अपने घर पर ही टीवी के माध्यम से कथा सुनें. अगर सभी लोग पंडाल में आएंगे तो हालात बिगड़ सकते हैं. गर्मी भी अधिक है, ऐसे में स्थिति खराब हो सकती है.
भीड़ की वजह से दिव्य दरबार रद्द करने का ऐलान:आपको बताएं रविवार रात को श्री बागेश्वर बिहार फाउंडेशन के अध्यक्ष अरविंद ठाकुर ने जानकारी दी थी कि बाबा की हनुमंत कथा में भक्तों की अत्यधिक भीड़ पहुंच रही है. 10 से 15 लाख तक लोग दरबार में पहुंच रहे हैं. उन्होंने कहा कि दिव्य दरबार में पर्ची निकालने के बाद भीड़ से उठकर खाली पैसेज होकर श्रद्धालु बाबा के पास पहुंचते हैं लेकिन इतनी भीड़ है कि पैसेज भी खाली नहीं है. सभी तीनों पंडाल श्रद्धालुओं से भर चुका है. ऐसे में बाबा ने किसी अनहोनी की आशंका से बचने के लिए दिव्य दरबार को कैंसिल करने का निर्णय लिया है. हालांकि कथा लगातार चलती रहेगी.
"बाबा ने मंच से ही कह दिया कि दिव्य दरबार नहीं हो पाएगा. देखिये दिव्य दरबार के लिए पंडाल खाली चाहिए, ताकि जिसको बुलाया जाएगा वह आसानी से पैसेज के रास्ते बाबा तक पहुंचे सके लेकिन भीड़ इतनी ज्यादा हो गई है कि जगह खाली नहीं बच रही है. श्रद्धालु को हटाया नहीं जा सकता है और तीनों पंडाल भी भर गए हैं. कथा लगातार चलती रहेगी. हां उसकी टाइमिंग को लेकर हमलोग विचार कर रहे हैं"- अरविंद ठाकुर, अध्यक्ष, श्री बागेश्वर बिहार फाउंडेशन
प्रशासन पर भड़के बीजेपी सांसद: वहीं, पाटलिपुत्र से बीजेपी सांसद रामकृपाल यादव ने बाबा बागेश्वर के दिव्य दरबार कैंसिल होने के लिए प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि जितना सहयोग मिलना चाहिए, उतना सहयोग स्थानीय जिला प्रशासन से नहीं मिल रहा है. ऐसा लगता है कि राज्य सरकार दुर्भावना से ग्रसित होकर काम कर रही है. आयोजक समिति ने पहले ही भीड़ को लेकर संभावना जताई थी लेकिन पुलिस-प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया. ऐसे में बाबा ने तय किया कि दिव्य दरबार को रद्द कर दिया जाए ताकि किसी को कोई समस्या ना हो.
"भीड़ इतनी ज्यादा आ गई थी, अनियंत्रित हो रही थी. बाबा ने कहा कि वह बिहार के कल्याण के लिए आए हैं. इसी सोच के साथ दिव्य दरबार को कैंसिल कर दिया गया है. जिला प्रशासन को चाहिए कि अधिक से अधिक मात्रा में सुरक्षा कर्मी और पुलिस बल मुहैया कराए. आयोजक ने पहले ही कहा था कि इतने लोग आएंगे लेकिन मुझे पहले से लगता था कि जिस मात्रा में पुलिस बल या मजिस्ट्रेट की बहाली होनी चाहिए, वह नहीं हो पाई"- रामकृपाल यादव, बीजेपी सांसद, पाटलिपुत्र
'प्रशासन पर कोई आरोप नहीं':हालांकि, श्री बागेश्वर बिहार फाउंडेशन के सदस्य राज शेखर ने प्रशासनिक लापरवाही की बात से इंकार किया है. उन्होंने कहा कि प्रशासन पर कोई आरोप नहीं है. प्रशासन से पूरा सहयोग मिल रहा है. राज शेखर ने आगे बताया कि लोगों की भीड़ देखकर बाबा भी काफी खुश हुए हैं लेकिन बाबा चाहते हैं कि भक्ति में लोगों को किसी प्रकार की परेशानी ना हो, इसलिए खुले मंच से उन्होंने लोगों से आग्रह किया है कि कम संख्या में लोग कार्यक्रम में पहुंचे. अगर संभव हो तो अपने घर में टीवी पर कथा सुनें.
"सोमवार को होने वाला दिव्य दरबार कैंसिल हो गया है. प्रशासन पर कोई आरोप नहीं है. प्रशासन से पूरा सहयोग मिल रहा है. देखिये प्रशासन की भी अपनी लिमिटेशन है"- राज शेखर, सदस्य, श्री बागेश्वर बिहार फाउंडेशन
'प्रशासन और सरकार से महाराज संतुष्ट':उधर, बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने रविवार रात को होटल पनाश में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से मुलाकात की. बाहर निकलकर उन्होंने कहा कि हम दोनों के बीच काफी प्रेम है. हमलोगों ने कई मुद्दों पर बातचीत की. महाराज जी ने पुलिस-प्रशासन का आभार जताया. उन्होंने मुझसे पुलिस या सरकार के खिलाफ कोई नाराजगी नहीं जताई. मुमकिन है कि आगे दिव्य दरबार का आयोजन हो.
"बहुत लंबी बातचीत हुई. हमलोग एक-दूसरे को जानते हैं. उन्होंने कहा कि मेरी तरफ से प्रशासन को धन्यवाद है. यहां की पुलिस बहुत अच्छा काम कर रही है. महाराज जी ने प्रशासन या सरकार के खिलाफ एक शब्द नहीं बोला, बल्कि वह संतुष्ट दिखे. मैंने बात करते हुए सुना कि भीड़ बहुत ज्यादा हो गई थी, इसलिए प्रशासन से बात कर के शायद दिव्य दरबार लगे"- गुप्तेश्वर पांडे, पूर्व डीजीपी, बिहार