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आजमगढ़ के युवा ने 12 हजार में बनाई 6 सीटर इलेक्ट्रिक साइकिल, आनंद महिंद्रा ने की तारीफ - आईआईटी इंजीनियरिंग मैकेनिकल

'कौन कहता है आसमान में सुराख नहीं होता, तबीयत से पत्थर तो उछालो यारो' यह कहावत आजमगढ़ के असहद अब्दुल्ला पर सटीक बैठती है. असहद अब्दुल्ला ने 6 सीटर इलेक्ट्रिक साइकिल तैयार की है, जिसकी उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने भी तारीफ की है. आइए जानते हैं कि आखिर कैसे किया यह इनोवेशन...

आजमगढ़ के असहद अब्दुल्ला ने बनाई 6 सीटर इलेक्ट्रिक साइकिल.
आजमगढ़ के असहद अब्दुल्ला ने बनाई 6 सीटर इलेक्ट्रिक साइकिल.

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Published : Dec 6, 2022, 5:42 PM IST

आजमगढ़ः जिले में इन दिनों डीजल और पेट्रोल से निजात पाने के लिए एक युवक ने ऐसी इलेक्ट्रिक साइकिल तैयार की दी है, जिसमें एक नहीं दो नहीं पूरे 6 सीट हैं. मात्र 10 रुपये में 160 किलोमीटर का सफर तय किया जा सकता है. यह दावा है लोहरा फखरुद्दीन पुर गांव के असहद अब्दुल्ला का. वहीं, देश के प्रमुख उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने भी इस साइकिल की सराहना की है. उन्होंने ट्वीट किया है कि 'कुछ बदलावों के साथ इस गाड़ी को ग्लोबल लेवल पर काम में लाया जा सकता है. मैं हमेशा ग्रामीण क्षेत्रों में ट्रांसपोर्ट के आविष्कारों को देखकर हैरान हो जाता हूं.

आजमगढ़ के असहद अब्दुल्ला ने बनाई 6 सीटर इलेक्ट्रिक साइकिल.

8 वर्ष की उम्र से ही इनोवेशन: आईआईटी इंजीनियरिंग मैकेनिकल से पास आउट असद अब्दुल्ला ने बताया कि '8 वर्ष की उम्र से ही इनोवेशन कर रहा हूं. बचपन में रिमोट वाली कार में प्रयोग करता था. आने वाले समय में सोलर एनर्जी और बैटरी से चलने वाला प्लेन बनाने का सपना है. इसे बनाने में लगभग डेढ़ साल का समय लगेगा. जिससे लोगों को कम बजट में हवाई यात्राएं मिल सकें.'अब्दुल्ला का कहना है कि 'रजिस्ट्रेशन और पेटेंट की फॉर्मेलिटी को पूरा करने का भी प्रयास कर रहे हैं, जिससे आम जनता तक हमारा यह प्रयास आसानी से पहुंच सके और लोगों को ज्यादा से ज्यादा फायदा मिल सके. इस तरह के अविष्कार वह अनवरत रूप से जारी रखेंगे.'

10-12 हजार में बनी इलेक्ट्रिक साइिकलःअब्दुल्ला ने कहा कि 'लगातार डीजल और पेट्रोल की कीमतों में वृद्धि हो रही है. ऐसे में मेरे मन में विचार आया कि क्यों न ऐसी चीज बनाई जाए, जिससे गांव के लोग एक जगह से दूसरी जगह पर कम बजट में जा सके. ऐसे में यह साइकिल बनाने का विचार मन में आया और इस पर काम करना शुरू कर दिया. इस साइकिल को बनाने में एक महीने का समय लगा. साइकिल को बनाने में मात्र 10 से 12 हजार रुपये खर्च आया है.'

पुराने स्कूटर के पार्ट का किया उपयोगः आनंद महिद्रा के ट्वीट पर असद ने कहा 'मेरे काम की सराहना आज जिस तरह से हो रही है अच्छा लग रहा है. आने वाले दिनों में हमारा प्लान है कि इस साइकिल को कॉमर्शियल बनाकर कम कीमत में लोगों के पास पहुंचाया सके. जिससे लोगों को कम खर्च में आने-जाने की सुविधा मिल सके.' असद ने बताया कि 'साइकिल में पुरानी स्कूटर के पार्ट का प्रयोग कर बनाया गया है. इसके साथ ही 1000 वॉट का हब मीटर लगाया गया है और 1000 वॉट का ही कंट्रोलर लगाया गया है. इसके साथ ही लिथियम फास्फेट की बैटरी लगाई गई है. हब मोटर चैन लेस है. चैन और मेंटेंनेंस की दिक्कत नहीं है.'

परिजन हैं खुशःअसद ने आगे बताया कि 'इससे पहले मैंने बहुत सारे प्रोजेक्ट बनाया है. इससे पूर्व केटीएम बाइक को इलेक्ट्रिक बाइक में बदल दिया था. इसके साथ पैडल वाली साइकिल को बनाया था, वह 60 और 80 किलोमीटर की रफ्तार से चलती थी. वहीं, असद अब्दुल्ला के पिता मोहम्मद अब्दुल्ला ने बताया कि बेटा बचपन से ही टेक्निकल माइंड का था. आज परिवार, आस-पास के लोग बहुत खुश हैं और सब इस बात को कह रहे हैं कि बेटा आगे बढ़ रहा है. निश्चित रूप से आने वाले समय में मेरा बेटा प्रदेश और देश का नाम रोशन करेगा.'

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