अयोध्या :जनवरी के महीने में मकर संक्रांति के बाद भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम प्रस्तावित है. इसकी तैयारियां वृहद स्तर पर चल रहीं हैं. महोत्सव को शास्त्रीय परंपरा के अनुसार मनाने और भगवान रामलला की विशेण पूजा की तैयारियों को लेकर मंगलवार को संतों ने बैठक की. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय समेत विभिन्न संप्रदायों के संतों की इस गोपनीय बैठक में विचार विमर्श किया गया. यह बैठक अयोध्या के कारसेवक पुरम परिसर में हुई. बैठक में प्राण प्रतिष्ठा के लिए रामलला को नींद से जगाने से लेकर रात्रिकालीन शयन आरती पर भी चर्चा हुई. हालांकि अभी संतों से प्रस्ताव मांगा गया है. अंतिम मुहर लगनी बाकी है.
रामलला को कराया जाएगा गौ और गज का दर्शन :रामलला की विशेष पूजन-अर्चन को लेकर वैष्णव रामानंदीय परंपरा के तहत भगवान के भोग आदि की व्यवस्था पर संतों के साथ ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने बैठक की है. हालांकि इस बैठक से मीडिया को पूरी तरह से दूर रखा गया. बैठक में मौजूद जगतगुरु रामदिनेशाचार्य ने बताया कि 15 से 24 जनवरी के बीच रामलला के प्राण प्रतिष्ठा आयोजन होना है. इसके साथ ही नवनिर्मित मंदिर में रामलला की पूजा-अर्चना कैसे की जाए, इस पर संतों से प्रस्ताव मांगा गया है. जिसमें रामलला की आरती से लेकर उनके बालभोग और राजभोग तक की व्यवस्था शामिल है.
विशेष वाहन से ले लाया जाएगा जल :जगद्गुरु रामदिनेशाचार्य ने बताया कि ब्रह्म मुहूर्त में मंगला आरती के साथ भगवान रामलला को जगाया जाएगा. इसके बाद रामानंदीय परंपरा के अनुसार रामलला को गौ दर्शन और गज दर्शन कराने की योजना है. ऐसी परंपरा सदियों से रामानंद संप्रदाय में चली आ रही है. इसके अतिरिक्त रामलला के स्नान के लिए पवित्र सरयू जल का प्रयोग किया जाएगा. सरयू के जल को लाने के लिए विशेष वाहन की व्यवस्था की जाएगी. यह पूरा कार्यक्रम छत्र चंवरधारी परिचारकों की मौजूदगी में होगा.