अयोध्या के राम मंदिर में बन रही टनल पर संवाददाता की खास रिपोर्ट अयोध्या: राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी को लेकर मंदिर निर्माण का कार्य तेज कर दिया गया है. अब मंदिर के भूतल में फिनिशिंग का कार्य किया जा रहा है. राम मंदिर में एक साथ 1.50 लाख से अधिक श्रद्धालु परिक्रमा कर सकें, इसके लिए मंदिर की परिधि में 800 मीटर लंबे परकोटे का निर्माण किया जा रहा है. लेकिन, परिक्रमा के दौरान मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के बीच टकराव न हो इसके लिए मंदिर के पूरब में लंबे टनल मार्ग का निर्माण किया गया है.
अयोध्या में राम मंदिर का कार्य तेजी से चल रहा रोजाना डेढ़ लाख से अधिक श्रद्धालु आने का अनुमानःकार्यदाई संस्था और श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारी का मानना है कि जब राम जन्मभूमि परिसर में लाखों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आएंगे ऐसे में दर्शन मार्ग और परिक्रमा पथ आमने-सामने होने के कारण टकराव की स्थिति हो जाएगी. जिससे निपटने के लिए इस खास टनल का निर्माण किया गया है.
अयोध्या में राम मंदिर का जनवरी 2024 में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम प्रस्तावित है भगवार राम के कैसे होंगे दर्शनःराम जन्मभूमि में राजस्थान के नक्काशीदार पत्थरों से 2.7 एकड़ के क्षेत्र में 162 फीट ऊंचे तीन मंजिल के भव्य राम मंदिर का निर्माण हो रहा है, तो वही मंदिर के चारों ओर 8 एकड़ की परिधि में भूतल से 48 फीट ऊंचे परकोटे का भी निर्माण किया जा रहा है. जिसमें 6 मंदिरों का भी निर्माण किया जा रहा है.
अयोध्या में राम मंदिर तीन मंजिल का बनकर होगा तैयार राम मंदिर में कहां से होगा प्रवेशः मंदिर में सिंह द्वार से प्रवेश करने के पहले पूरब दिशा में परकोटे पर भी एक मुख्य द्वार होगा. जहां राम जन्म भूमि के पथ से आने वाले श्रद्धालु मंदिर परिसर में प्रवेश करेंगे. उसी के बगल से निकास द्वार भी बनाया जाएगा. जहां से प्रवेश द्वार के नीचे बन रहे टनल मार्ग के माध्यम से आने वाले श्रद्धालु पहुंचेंगे और बाहर जा सकेंगे.
अयोध्या में राम मंदिर के ग्राउंड फ्लोर का काम दिसंबर तक हो जाएगा पूरा एक साथ प्रवेश कर सकेंगे डेढ़ लाख श्रद्धालुः एलएन्डटी के प्रोजेक्ट मैनेजर विनोद मेहता ने बताया कि राम मंदिर में दर्शनार्थी आएंगे, उनकी संख्या का अनुमान अभी नहीं लगाया सकता है. जबकि इस परकोटे की क्षमता को हम लोगों ने ऐसे तैयार किया है, जिसमें डेढ़ लाख दर्शनार्थी प्रतिदिन आ सकें. परकोटे से होकर ही श्रद्धालु दर्शन के लिए आ सकेंगे. दर्शन के बाद उन्हें परिक्रमा करने का पुण्य भी प्राप्त होगा. इस पूरी योजना को इस प्रकार से संचालित किया जा रहा है कि भीड़ का दबाव बढ़ने पर श्रद्धालुओं के बीच टकराव की स्थिति न हो.
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