अयोध्या के राम मंदिर निर्माण को लेकर जानकारी देते श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय अयोध्या: जनवरी 2024 में अयोध्या में भगवान राम लला के मंदिर के उद्घाटन और भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर युद्ध स्तर पर तैयारी चल रही हैं. एक तरफ मंदिर निर्माण कार्य 24 घंटे अनवरत जारी है. वहीं दूसरी तरफ 14 जनवरी 2024 से पहले ही अधिक से अधिक कार्य समाप्त करने की चुनौती का सामना करते हुए कार्यदायी संस्था के लोग ज्यादा से ज्यादा निर्माण कार्य पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं.
भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में अयोध्या आने वाले लाखों लोगों की भीड़ को रहने खाने के साथ ही उनके चिकित्सा व्यवस्था को लेकर भी श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट बेहद गंभीरता से विचार कर रहा है. ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि जिस समय अयोध्या में भगवान राम का प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम होगा, उस समय लाखों की भीड़ अयोध्या में होगी. ऐसे में उन राम भक्तों की भूख को शांत करने के लिए ट्रस्ट भोजनालय शुरू करने की योजना बना रहा है.
अयोध्या के राम मंदिर की दीवारों पर इस तरह से नक्काशी की गई है ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि भोजनालय सुबह 9:00 बजे से शुरू होकर शाम 3:00 बजे तक अनवरत जारी रहेंगे. हम यह भी देख रहे हैं कि एक भोजनालय पर कितने हजार लोग एक साथ भोजन कर सकते हैं. इसके दृष्टिगत अयोध्या में विभिन्न स्थानों पर लगभग 15 भोजनालय संचालित करने की योजना है. जिससे एक साथ 50 हजार से अधिक लोगों को भोजन कराया जा सके.
अयोध्या के निर्माणाधीन राम मंदिर के पिलर पर नक्काशी करता कारीगर बनाए जाएंगे अस्थाई अस्पतालःट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि कार्यक्रम में देश के अलग-अलग राज्यों से राम भक्त अयोध्या आएंगे. ऐसे में तमाम राम भक्त ऐसे भी होंगे जिन्हें जनवरी के महीने में अयोध्या में पड़ने वाली कड़ाके की ठंड में रहने का अनुभव नहीं है. उदाहरण के तौर पर दक्षिण भारत में ठंड नहीं होती है. ऐसे में उन्हें यहां ठंड लग सकती है. वह बीमार पड़ सकते हैं. इस स्थिति में सिर्फ सरकारी अस्पताल के सहारे नहीं रहा जा सकता. राम भक्तों को आवश्यक चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के लिए शहर के अलग-अलग स्थान पर अस्थाई मेडिकल कैंप बनाए जाएंगे. यह व्यवस्था ट्रस्ट द्वारा संचालित की जाएगी. इसके अलावा शहर के अलग-अलग क्षेत्र में एंबुलेंस भी तैनात की जाएंगी. जिससे आपात स्थिति में किसी भी रोगी को अस्पताल तक पहुंचाया जा सके.
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