नई दिल्ली : अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण राजस्थान के गुलाबी पत्थरों से होगा और मंदिर परिसर में संग्रहालय, शोध केंद्र, गौशाला और एक योगशाला भी होगी. यह जानकारी बृहस्पतिवार को मंदिर न्यास के सूत्रों ने दी. उन्होंने बताया कि विशेष ध्यान कुबेर टीला और सीता कूप जैसे स्मारकों के संरक्षण एवं विकास पर होगा. उन्होंने कहा कि पूरे मंदिर परिसर में शून्य कार्बन उत्सर्जन और हरित भवन जैसी विशेषताएं होंगी.
श्री रामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के सदस्यों की पिछले महीने बैठक हुई थी और बैठक के दौरान यह उल्लेख किया गया था कि मंदिर का निर्माण कार्य समय के मुताबिक आगे बढ़ रहा है और इसे 2023 से लोगों के लिए खोल दिया जाएगा. इस संबंध में एक सूत्र ने कहा, '2023 तक श्रद्धालु भगवान श्री राम के दर्शन कर सकेंगे.'
सूत्रों ने कहा कि मंदिर का ढांचा राजस्थान से लाए गए बंसी पहाड़पुर पत्थर और मार्बल से बनाया जाएगा. उन्होंने कहा, 'मंदिर के निर्माण में करीब चार लाख पत्थर (बंसी पहाड़पुर) का इस्तेमाल होगा. मंदिर के निर्माण में स्टील का इस्तेमाल नहीं होगा. मंदिर के परकोटा के लिए जोधपुर पत्थर का इस्तेमाल करने का निर्णय किया गया है.'