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रामलला की सेवा के लिए नहीं हुई किसी मुख्य पुजारी की नियुक्ति, ट्रस्ट ने सोशल मीडिया में चल रही खबर को बताया अफवाह

अयोध्या में रामलला (Ayodhya Ram Mandir) की सेवा के लिए सोशल मीडिया पर चल रहे मोहित पांडे के नाम को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट (Shri Ram Janmabhoomi Teerth Kshetra Trust) ने अफवाह बताया. ट्रस्ट ने कहा कि रामलला की सेवा वही पुराने पुजारी करेंगे, जो कर रहे हैं.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 12, 2023, 3:35 PM IST

Updated : Dec 12, 2023, 4:48 PM IST

अयोध्या: रामनगरी में बन रहे भगवान राम के भव्य मंदिर निर्माण से लेकर 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की चर्चा देश ही नहीं पूरी दुनिया में है. ऐसे में कई ऐसी खबरें भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं, जिनका कोई आधार ही नहीं है. ऐसा ही एक मामला इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इसमें मोहित पांडे नाम के एक युवक को राम मंदिर का पुजारी बताया जा रहा है. जबकि, भगवान राम के अस्थायी मंदिर से लेकर 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठित होने वाले नवनिर्मित गर्भगृह में भी किसी नए पुजारी की कोई नियुक्ति नहीं होने जा रही है. बावजूद इसके अलग-अलग माध्यमों से सोशल मीडिया पर फर्जी खबरें वायरल हो रही हैं. इसके बाद ट्रस्ट ने इस पूरे मामले की सच्चाई बताई.

अयोध्या में बन रहा भव्य राम मंदिर

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देवगिरी महाराज पहले ही बता चुके हैं कि जिन 21 प्रशिक्षकों को अर्चक के रूप में प्रशिक्षित किया जा रहा है, उनका प्रशिक्षण के बाद एक साक्षात्कार होगा. इसके बाद उन्हें राम मंदिर परिसर में बने 6 अलग मंदिरों और बाहर परकोटे में बने 6 मंदिरों में पूजा-अर्चना के लिए अर्चक की जिम्मेदारी दी जाएगी. वहीं, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्ता ने भी बताया कि मोहित पांडे नाम के व्यक्ति को पुजारी बनाने का जो दावा किया जा रहा है, यह बिल्कुल गलत है. अभी किसी पुजारी की नियुक्ति नहीं की गई है. राम मंदिर में पुजारी के लिए आवेदन मांगे गए थे. इसमें से 3000 लोगों ने आवेदन किया था. 300 लोगों ने इंटरव्यू दिया था और 21 लोग उसमें चयनित हुए थे.

अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर की तस्वीर

प्रकाश गुप्ता ने बताया कि 21 लोगों में मोहित पांडे नाम का व्यक्ति भी शामिल है. इन अभ्यर्थियों को चयन के उपरांत 6 माह का प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसके बाद अभ्यर्थियों की परीक्षा होगी. परीक्षा में सर्वश्रेष्ठ बटुकों को रामलला के परकोटे में बनाए जाने वाले मंदिर के अर्चक के पद पर तैनात किया जाएगा. पूजन पद्धति के अध्यक्ष गोविंद देवगिरी ने कहा कि यहां एक चीज और स्पष्ट कर दें कि रामलला के सेवादार वही पुजारी रहेंगे, जो अभी रामलला के अस्थायी मंदिर में सेवा अर्चना कर रहे हैं.

बता दें कि राम मंदिर परिसर में कुल 6 मंदिर बनाए गए हैं, जबकि परकोटे में 7 मंदिर होंगे. इन मंदिरों की पूजा अर्चना के लिए अर्चकों की नियुक्ति की जानी है. इसके लिए 6 माह का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. अभ्यर्थियों को 2000 रुपये गुजारा भत्ता खर्च के नाम पर दिया जा रहा है और उन्हें भोजन दिया जा रहा है. 6 माह बाद इनका साक्षात्कार होगा और साक्षात्कार के बाद रामानंदीय परंपरा के अनुसार इन अर्चकों को पूजा-अर्चना करने के लिए अनुमति दी जाएगी. वहीं, रामलला के गर्भग्रह में वही पुजारी पूजा-अर्चना करेंगे, जो पूर्व से करते चले आ रहे हैं.

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Last Updated : Dec 12, 2023, 4:48 PM IST

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