बालेश्वर :ओडिशा में श्रीराम की नगरी अयोध्या. जानकर आप हैरान जरूर होंगे कि उत्तर प्रदेश में श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या की तरह ओडिशा में भी एक गांव है, जिसका नाम अयोध्या है. यहां के अयोध्या की भौगोलिक स्थिति उत्तर प्रदेश के अयोध्या से बिल्कुल मेल खाती है. लेकिन प्राचीन धरोहर से परिपूर्ण ओडिशा के इस अयोध्या की गरीमा अब लुप्त होने की कगार पर है.
श्रीराम जन्मभूमि से मिलता-जुलता ओडिशा का अयोध्या
बालेश्वर जिले के नीलगिरि ब्लॉक में स्थित आयोध्या गांव की भौगोलिक स्थिति उत्तर प्रदेश के अयोध्या से काफी मिलती-जुलती है. उत्तर प्रदेश के अयोध्या के करीब सिंधू, सरजु और घाघरा नदियां बहती हैं. ठीक उसी प्रकार अयोध्या गांव के करीब भी सिंधू, सोना और घाघरा नदी बहती है.
मान्यता है कि श्रीराम के वनवास के दौरान कुछ दिन इस गांव में भी बिताए थे. इसलिए इस गांव का नाम अयोध्या रखा गया है.
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गांव की जमीन में दबीं कईं दुर्लभ मूर्तियां
इस गांव की किसी भी जगह पर खुदाई कराई जाए, तो कई कीमती मूर्तियां और मंदिरों के अवशेष मिलेंगे. यहां तक कि गांव की अधिष्ठात्री देवी मरिची की प्रतिमा भी जमीन के नीचे से मिली थी. पहले भी गांव के कई हिस्सों में खुदाई के बाद कई देवी-देवताओं की मूर्तियां मिली थीं. जिसकी वजह से इस गांव को धार्मिक स्थल माना जाता है.
गांव के प्रति सरकार की उदासीनता
जाने माने पुरातत्वविद एसएन बसु ने इस गांव पर शोध किया और इसके महत्वपूर्ण तथ्यों को सामने लाया. हालांकि, अब इस धार्मिक स्थल के प्रति सरकार की उदासीनता साफ नजर आने लगी है. यहां केवल एक संग्रहालय बनवाकर गांव के प्रति अपनी जिम्मेदारियां जैसे राज्य सरकार ही भूल गई है.
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सरकार के प्रति लोगों में रोष
सरकार की इस गांव से हटती नजर के कारण यहां से कई बार करोड़ों की मूर्तियां चोरी हो चुकी हैं. स्थानीय लोगों का आरोप है कि चोरी की घटनाओं के बाद भी कोई कार्रवाई तक नहीं की गई. जिसे लेकर लोगों में सरकार के प्रति असंतोष बढ़ गया है.
अयोध्या गांव की गरिमा को ध्यान में रखकर पुरातत्व विभाग की ओर से यहां खनन कराने और दुर्लभ मूर्तियों की देखरेख की स्थानीय लोगों ने मांग की है.