चेन्नै: तेलंगाना के सीएम और राजभवन के बीच खराब हो रहे रिश्ते पर गवर्नर तमिलिसाईं सुंदरराजन ने बड़ा बयान दिया है. चेन्नै में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल तमिलिसाईं ने कहा कि मुख्यमंत्रियों की निरंकुश कार्यप्रणाली लोकतंत्र के लिए सही नहीं है. उन्होंने कहा कि संवैधानिक पद बैठने के कारण आप यह उम्मीद नहीं कर सकते हैं कि राज्यपाल रबड़ स्टैंप जैसे काम करे. आश्चर्य यह है कि एक चीफ मिनिस्टर यह चाहते हैं कि राज्यपाल उनकी इच्छा के मुताबिक काम करे. राज्यपाल और राज्य सरकार के संबंधों पर चर्चा करते हुए गवर्नर तमिलिसाईं ने अपने पुडुचेरी के कार्यकाल के बारे में बताया. अपना अनुभव बताते हुए उन्होंने कहा कि राजभवन और निर्वाचित राज्य सरकार के बीच सामंजस्यपूर्ण कामकाजी संबंध होने चाहिए, मगर तेलंगाना में ऐसा नहीं हो रहा है. उन्होंने कहा कि पुडुचेरी के उपराज्यपाल के कार्यकाल के दौरान वहां की सरकार का रवैया सौहार्दपूर्ण था, जबकि तेलंगाना में यह शत्रुतापूर्ण है.
केसीआर सरकार के साथ टकराव के मुद्दे पर उन्होंने अपना पक्ष रखा. तेलंगाना की गवर्नर ने कहा कि राज्य सरकार ने उनका विरोध तब शुरू किया, जब उन्होंने एमएलसी के केसीआर की ओर से भेजे गए नाम को नॉमिनेट करने के प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया. उनका कहना था कि उस एमएलसी कैंडिडेट के खिलाफ कुछ मुद्दे थे, जिसे दरकिनार नहीं किया जा सकता था. इसके बाद से राजभवन और सरकार के बीच रिश्तों में खटास आ गई. मैंने गर्मजोशी लाने के प्रयास किए हैं और सीएम के साथ टेलीफोन पर बातचीत की . लेकिन, वह आगे बढ़ने के इच्छुक नहीं थे.