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Afghan Embassy In New Delhi : अफगान दूतावास बंद करने पर आई सफाई, कहा- पत्र की प्रमाणिकता जांच रहे हैं

भारत में नई दिल्ली स्थित अफगान दूतावास इस समय रहस्यमयी खबरों का स्रोत बन गया है. कुछ महीने पहले राजदूत के लापाता होने की खबरों और खंडन के बाद अब दूतावास ने इस सूचना का कि 30 सितंबर के बाद उसका परिचालन बंद हो जायेगा इस संबंध में जांच करने की बात कही है. पढ़ें पूरी खबर...

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प्रतिकात्मक तस्वीर. (एएनआई)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 29, 2023, 7:04 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली में तालीबान पूर्व शासन के समर्थक अफगान दूतावास ने राष्ट्रीय राजधानी में अपना परिचालन बंद करने की रिपोर्टों पर प्रतिक्रिया दी है. दूतावास की ओर से कहा गया है कि वह इस संबंध में प्रसारित खबरों की सत्यता की जांच कर रहे हैं. बता दें कि इससे पहले मीडिया में इस तरह की रिपोर्टें आयी थी कि नई दिल्ली स्थित अफगान दूतावास 30 सितंबर को अपना परिचालन बंद कर देगा. गुरुवार को दूतावास के अधिकारियों ने कहा कि इस खबर की प्रामाणिकता और इसकी सामग्री की जांच की जा रही है.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, अफगान दूतावास के भीतर मिशन की ओर से बुधवार को विदेश मंत्रालय (एमईए) को 30 सितंबर तक दूतावास बंद करने के लिए एक पत्र भेजा गया था. हालांकि, विदेश मंत्रालय ने पत्र मिलने की पुष्टि नहीं की है. साथ ही इससे मामले में अब तक कोई टिप्पणी भी नहीं की है. सूत्रों ने गुरुवार को कहा कि नई दिल्ली में अफगान दूतावास ने कथित तौर पर इस मुद्दे पर एक पत्र जारी किया है. पत्र की प्रामाणिकता और इसकी सामग्री की जांच की जा रही है.

सूत्रों ने कहा कि इस घटना के विकास क्रम के पीछे कई महीनों से राजदूत के भारत से बाहर रहने, कथित तौर पर शरण प्राप्त करने के बाद राजनयिकों के लगातार तीसरे देशों में जाने और दूतावास कर्मियों के बीच अंदरूनी कलह हो सकती है.

साथ ही, यह घटनाक्रम पिछली अफगान लोकतांत्रिक सरकार और वहां के तालिबान शासन के बीच खींचतान के बीच आया है. इस साल की शुरुआत में अप्रैल में, दिल्ली में अफगान दूतावास में एक संकट पैदा हो गया था जब अफगान दूत फरीद मामुंडजे के सलाहकार कादिर शाह ने एमईए को पत्र लिखकर दावा किया था कि उन्हें तालिबान सरकार द्वारा प्रभारी डी'एफ़ेयर (सीडीए) के रूप में नियुक्त किया गया है.

यह तब हुआ जब पिछली अफगान सरकार द्वारा नियुक्त मामुंडजे लंदन में अपने परिवार से मिलने गए थे और अफवाह थी कि वह लापता हैं. बाद में मई में, वह वापस आये और कादिर को कथित तौर पर दूतावास में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई. हालांकि, वह फिर से लंदन चले गए और पिछले तीन महीनों से भारत नहीं लौटे हैं.

पढ़ें : तालिबान राजनयिक के दावे को किया खारिज, अफगान दूतावास ने कहा-नेतृत्व में नहीं हुआ बदलाव

बता दें कि आज से रूस के कजान में अफगानिस्तान पर बैठक होने वाली है. इस बैठक का मेजबान रूस है. मॉस्को प्रारूप बैठक में एक प्रमुख हितधारक होने के नाते भारत इसमें भाग लेगा. यहां ध्यान देना महत्वपूर्ण है कि नई दिल्ली ने काबुल में तालिबान शासन को आधिकारिक तौर पर मान्यता नहीं दी है.

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