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G 20 सम्मेलन में आए ऑस्ट्रेलियन प्रोफेसर सल्वाटोर बेबन्स हुए दुखी, बोले- लुलु मॉल में पढ़ने नहीं दी किताब - सल्वाटोर बेबन्स

जी-20 सम्मेलन में आए प्रतिनिधि वैसे तो यूपी के इतिहास और फूड को लेकर काफी खुश हैं. मगर लखनऊ के लुलु मॉल में हुई एक घटना ने यूनिवर्सिटी ऑफ सिडनी में असिस्टेंट प्रोफेसर सल्वाटोर बेबन्स (Salvatore Babones) को दुखी कर दिया. उन्हें मॉल में किताब पढ़ने से रोक दिया गया.

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ऑस्ट्रेलियन प्रोफेसर सल्वाटोर बेबन्स

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Published : Feb 15, 2023, 5:07 PM IST

लखनऊ :राजधानी में स्थित लुलु मॉल एक बार फिर चर्चा में है. यूनिवर्सिटी ऑफ सिडनी में असिस्टेंट प्रोफेसर और समाजशास्त्री सल्वाटोर बेबन्स ने आरोप लगाया है कि उन्हें मॉल के फूड कोर्ट में किताब पढ़ने से रोका गया . सल्वाटोर इन दिनों जी 20 सम्मेलन में शामिल होने के लिए लखनऊ आए हैं. उनके आरोपों के बाद लुलु मॉल मैनेजमेंट की ओर से जांच करने की बात कही जा रही है.

सल्वाटोर बेबन्स लुलु मॉल में एस गुरुमुर्ति की किताब पढ़ रहे थे.

आस्ट्रेलिया के समाजशास्त्री प्रो सल्वाटोर बेबन्स ने सोशल मीडिया ट्विटर पर अंग्रेजी में ट्वीट करते हुए लिखा है कि 'मुझे अभी लखनऊ में लुलु मॉल के सुरक्षाकर्मी ने बताया कि उनके मॉल में किताब पढ़ने की अनुमति नहीं है. वास्तव में न्यू इंडिया! - और फिर लुलु मॉल सुरक्षा ने मुझे आपको दिखाने के लिए एक किताब की तस्वीर लेने से भी रोक दिया. What Philistines!'. सेल्वेटोर मॉल में Randome Thought 2021 नाम की किताब पढ़ना चाह रहे थे.

सल्वाटोर ने यह ट्वीट 13 फरवरी को किया था. ट्वीट के साथ उन्होंने फोटो भी पोस्ट की है, जिसमें मॉल में लगे बैनर दिखाई दे रहे हैं. जिनमें लिखा है कि यहां धार्मिक प्रार्थना करना मना है. उन्होंने लिखा है कि उन्हें अब इससे बेहतर मॉल की जरूरत है. सल्वाटोर बेबन्स के ट्वीट करने के बाद उनके पोस्ट पर एक के बाद एक सैकड़ों प्रतिक्रियाएं आने लगी. वहीं लुलु मॉल से इस मामले पर बात करनी की कोशिश की गई तो उनकी तरह से जांच करने की बात कही गई है

प्रो सल्वाटोर जी-20 समिट के लिए भारत यात्रा पर है. अभी वह उत्तर प्रदेश के दो शहरों लखनऊ और वाराणसी का भ्रमण किया है. उन्होंने लखनऊ की चाट और वाराणसी के लजीज खाने की सोशल मीडिया में तारीफ की है. यही नहीं लखनऊ में लगे सीएम योगी आदित्यनाथ और पीएम नरेंद्र मोदी के एक पोस्ट के सामने खड़े हो कर उन्होंने फोटो भी सोशल मीडिया में पोस्ट की है.

अडानी का सल्वाटोर ने किया था समर्थन
सल्वाटोर ने हाल ही में अडानी विवाद में ट्वीट करते हुए कहा था कि स्टॉक ऊपर जाता है और स्टॉक नीचे भी जाता है और मुझे विश्वास है कि अडानी समूह के शेयर वापस वहीं आ गए हैं जहां वे 12 महीने पहले थे. उन्होंने कहा था कि हिंडनबर्ग रिसर्च एक शोध फर्म नहीं है. यह नाथन एंडरसन नाम के एक निवेशक का निजी वाहन है. वह अपनी कंपनी का नाम प्रसिद्ध जर्मन हवाई पोत के नाम पर हिंडनबर्ग रखता है, जो 1937 में दुर्घटना में जल गया था, जिसमें 36 लोग मारे गए थे. इसलिए क्रैश एंड बर्न उनका मॉडल है.

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