अहमदाबाद : अपनी पहली भारत यात्रा पर आए ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज (Australian Prime Minister Anthony Albanese) ने बुधवार को अहमदाबाद स्थित साबरमती आश्रम का दौरा किया जो महात्मा गांधी से नजदीक से जुड़ा था. अल्बनीज ने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उनके मूल्य और दर्शन आज भी दुनिया को प्रेरित करते हैं और उनके जीवन से काफी कुछ सीखा जा सकता है. अल्बनीज यहां शाम में सरदार वल्लभभाई पटेल हवाई अड्डे पर उतरे और वहां से सीधे महात्मा गांधी के आश्रम गए. साबरमती आश्रम भारत के स्वतंत्रता संग्राम से भी जुड़ा स्थान है.
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने 1917 में साबरमती नदी के तट पर इस आश्रम की स्थापना की थी और मार्च 1930 तक वह यहां रहे. अल्बनीज भारत की चार दिवसीय यात्रा पर हैं. गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने हवाई अड्डे पर उनका स्वागत किया. जब अल्बनीज आश्रम गए, उस दौरान पटेल भी उनके साथ थे. आश्रम के न्यासी कार्तिकेय साराभाई ने कहा कि आगंतुकों के लिए आश्रम के खुले मैदान में चलते समय जूते-चप्पल उतारना अनिवार्य नहीं है लेकिन अल्बनीज ने महात्मा गांधी के सम्मान में अपने जूते उतार दिए. अल्बनीज आश्रम के अंदर हृदय कुंज कमरे में भी गए जहां महात्मा गांधी रहते थे.
साराभाई ने संवाददाताओं से कहा कि अल्बनीज यह देखकर चकित थे कि चरखे से खादी बुनी जाती है. उन्होंने कहा कि अल्बनीज खादी शब्द से अपरिचित थे, इसलिए आश्रम के एक और न्यासी (ट्रस्टी) अमृतभाई मोदी ने उन्हें पूरी संबंधित प्रक्रिया समझाई. साबरमती आश्रम संरक्षण एवं स्मारक ट्रस्ट की ओर से, साराभाई और अन्य न्यासियों ने महात्मा गांधी के ऐतिहासिक नमक मार्च के बारे में ऑस्ट्रेलियाई लेखक थॉमस वेबर की एक पुस्तक उन्हें भेंट की गई.
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आश्रम ने 1915 से 1930 तक अहमदाबाद में महात्मा गांधी के जीवन पर आधारित एक अन्य पुस्तक और चरखा की एक प्रतिकृति भी अल्बनीज को भेंट की. वह परिसर में करीब 20 मिनट रहे. अल्बनीज ने आश्रम की आगंतुक पुस्तिका में लिखा कि महात्मा गांधी के मूल्य और दर्शन आज भी पूरी दुनिया को प्रेरित करते हैं. राजभवन रवाना होने से पहले उन्होंने लिखा, 'महात्मा गांधी का आश्रम आना, उन्हें श्रद्धांजलि देना एक बड़ा सम्मान है, जिनके दर्शन और जीवन मूल्य आज भी दुनिया को प्रेरित करते हैं. हमें उनके उदाहरण से बहुत कुछ सीख सकते हैं.'
आस्ट्रेलिया के पीएम ने गुलाल लगाकर होली मनाई - ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज राजभवन पहुंचे. जहां राज्यपाल आचार्य देवव्रत व मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री को गुलाल लगाकर होली मनाई. राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने राजभवन परिसर में आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एन्थनी अलबनीज के सम्मान में रंग महोत्सव का आयोजन किया था. अल्बनीज ने भी गणमान्य व्यक्तियों के गाल पर गुलाल लगाया. ऑस्ट्रेलियाई प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों पर पुष्पवर्षा की गई.
राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एन्थनी अल्बनीज से बातचीत करते हुए कहा कि भारत में साल के लगभग हर महीने त्योहार मनाए जाते हैं. लोग त्योहारों को उल्लास के साथ मनाते हैं, जिससे आपसी प्रेम, स्नेह और सौहार्द बढ़ता है. रंगोत्सव में आम जनता का हर्ष और उल्लास झलकता है. राजभवन के हरित प्रांगण को होली के रंगों से सजाया गया था. राजभवन में रंगोत्सव के तहत रंगारंग लोकनृत्य में होली नृत्य की शुरुआत गुजरात के कवाट क्षेत्र के 'राठवा होली घेर नृत्य' से हुई. इस दौरान राजस्थान, घुम्मर और चांग के गैर-होली नृत्यों का प्रदर्शन किया गया. ऑस्ट्रेलिया के पीएम एन्थनी अल्बनीज ने इस मौके पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि गौरवशाली भारत की विविध संस्कृति को देखकर मैं बहुत प्रभावित हुआ हूं. प्रधानमंत्री के रूप में भारत की यह मेरी पहली आधिकारिक यात्रा है. लेकिन इससे पहले मैं साल 1991 में एक युवा के रूप में भारत आया था और भारत में छह सप्ताह तक रहा. साथ ही अद्भुत भारत को करीब से देखा. मैं पीएम मोदी को धन्यवाद देता हूं, भारत आने के उनके गर्मजोशी भरे निमंत्रण के लिए मैं उनका आभारी हूं.
(इनपुट-भाषा)