देहरादून(उत्तराखंड):19 नवंबर 2023 और 28 नवंबर 2023, ये एक ही साल की दो अलग-अलग तारीखें हैं. मगर इन दोनों तारीखों में देश का मूड अलग-अलग है. इन दो तारीखों का सीधा कनेक्शन ऑस्ट्रेलिया से है. 19 नवंबर 2023 के दिन गुजरात के नरेंद्र मोदी क्रिकेट स्टेडियम में वर्ल्ड कप क्रिकेट का फाइनल मैच खेला गया. इस मैच में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को हराकार 140 करोड़ भारतीयों का विश्व विजेता बनने का सपना तोड़ा. इसके 9 दिन बाद यानि 28 नवंबर 2023 को एक ऑस्ट्रेलियन के कारण ही 140 करोड़ भारतीयों के साथ ही दुनियाभर के लोगों के चेहरे पर खुशी आई. क्या है इन दो तारीखों का ऑस्ट्रेलियन कनेक्शन, आइए आपको विस्तार से बताते हैं.
वर्ल्ड कप क्रिकेट में ऑस्ट्रेलिया ने बढ़ाई भारतीयों की बैचेनी: वर्ल्ड कप क्रिकेट 2023 में भारत अजेय होकर फाइनल में पहुंचा. फाइनल मुकाबले के लिए गुजरात के नरेंद्र मोदी क्रिकेट स्टेडियम को तैयार किया गया. इस फाइनल मुकाबले से पहले देशवासियों का जोश हाई था. सभी को वर्ल्ड कप जीतने की सौ फीसदी उम्मीद थी. 19 नवंबर 2023 को आखिर वो दिन आया जिसका देशवासियों को इंतजार था. इस दिन भारत का मुकाबला ऑस्ट्रेलिया से हुआ. फाइनल में भारत की शुरुआत अच्छी नहीं रही. भारत ने पहले बैटिंग की. पहले बैटिंग करते हुए भारतीय बल्लेबाज एक के बाद एक पवेलियन लौटते चले गये. ऑस्ट्रेलियन गेंदबाजों की शानदार बॉलिग और तेज तर्रार फील्डिंग से हर बीतते पल के साथ भारतीयों की बैचेनी बढ़ रही थी. अंजाम ये हुआ कि वर्ल्ड कप क्रिकेट 2023 के फाइनल मैच में ऑस्ट्रेलिया ने भारतीय बल्लेबाजों को महज 242 के स्कोर पर समेट दिया.
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फाइनल में भारत को हराकर तोड़ा 140 करोड़ भारतीयों का दिल:इसके बाद ऑस्ट्रेलिया ने भारतीय गेंदबाजों की भी जमकर धुनाई की. फाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को छह विकेट से हराया. ट्रेविस हेड और मार्नस लाबुशेन इस मैच में ऑस्ट्रेलिया के हीरो रहे. 242 रनों की पीछा करते हुए ऑस्ट्रेलिया ने केवल तीन विकेट गंवाकर जीत हासिल की. इस मैच में हेड ने 120 गेंदों में 137 और लाबुशेन ने नाबाद 58 रनों की पारी खेली. फाइनल की इस जीत के साथ जहां ऑस्ट्रेलिया छठी बार वर्ल्ड चैंपियन बना वहीं, इस मैच में मिली हार से 140 करोड़ भारतवासियों के दिल टूट गये.
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एक ने दिया दर्द, दूसरे ने बंधाई जिंदगी की उम्मीद:लेकिन वर्ल्ड कप क्रिकेट के इस फाइनल मैच से ठीक एक हफ्ते पहले उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में कुछ ऐसा घटित हुआ जिसका हीरो भी शायद किसी ऑस्ट्रेलियन को ही होना था. दरअसल, 12 नवंबर 2023 दीपावली के दिन उत्तरकाशी जिले के सिलक्यारा में निर्माणाधीन टनल में लैंडस्लाइड हो गया. जिसके कारण देश के सात राज्यों के 41 मजदूर टनल के अंदर फंस गये. सिलक्यारा टनल में फंसे इन श्रमिकों को निकालने के लिए देशभर से मशीनें मंगवाई गईं. इसके साथ ही दुनियाभर के टनल विशेषज्ञों की मदद ली गई. इसमें हॉलैंड, नार्वे के वैज्ञानिकों से सजेशन लिये गये.
वहीं, दुनियाभर में 'टनलमैन' के नाम से प्रसिद्ध ऑस्ट्रेलिया के अर्नोल्ड डिक्स ने मामले की गंभीरता को समझा. अर्नोल्ड डिक्स उत्तरकाशी टनल हादसे के कुछ ही दिन बाद उत्तरकाशी सिलक्यारा पहुंचे. ऑस्ट्रेलिया के इंटरनेशनल टनलिंग एक्सपर्ट अर्नोल्ड डिक्स ने पहले दिन से ही बड़ी समझदारी दिखाते हुए मजदूरों को निकालने के प्रयास किये. अर्नोल्ड डिक्स के शांत व्यवहार, उनके काम करने के तरीके से साइट पर मौजूद रेस्क्यू ऑपरेशन में लगा हर एक शख्स अर्नोल्ड डिक्स का कायल हो गया.
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टनलमैन डिक्स ने जीता भारतीयों का दिल:अर्नोल्ड डिक्स स्थानीय लोगों से भी मिलजुल कर काम करते रहे. स्थानीय मान्यताओं को मानते हुए अर्नोल्ड डिक्स अक्सर टनल में जाते हुए बाबा बौखनाग के सामने शीश झुकाते नजर आए, जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई. उनकी इस आस्था के लिए डिक्स की खूब तारीफ हुई. अर्नोल्ड डिक्स केवल आस्था के साथ ही नहीं बल्कि विज्ञान के तौर तरीकों से भी टनल में फंसे श्रमिकों को निकालने की कोशिश करते दिखे. रेस्क्यू ऑपरेशन के कारण अक्सर टनल में फंसे श्रमिकों के लिए चिंता अर्नोल्ड डिक्स के चेहरे पर देखी जाती थी.
डिक्स का फंसे श्रमिकों से ऐसा लगाव हो गया था कि वो उनके लिए अपने बच्चे जैसा महसूस करते थे. ये बात डिक्स ने अपने कई इंटरव्यू में भी कही. वक्त निकलता जा रहा था लेकिन इसके बाद भी अर्नोल्ड डिक्स ने कभी जल्दबाजी नहीं दिखाई. उन्होंने रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी सभी टीमों को उम्मीद, साहस और संयम का पाढ़ पढ़ाया. जिसका नजीता हुआ कि 17 दिन बाद यानि 28 नवंबर को आखिर टनल में फंसे सभी 41 श्रमिकों को सकुशल रेस्क्यू कर लिया गया. जिसका श्रेय कही न कहीं अर्नोल्ड डिक्स को भी जाता है.
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उत्तरकाशी रेस्क्यू ऑपरेशन के हीरो रहे र्नोल्ड डिक्स:उत्तरकाशी सिलक्यारा में 17 दिन चले रेस्क्यू ऑपरेशन में हर दिन ऑस्ट्रेलियन टनल एक्सपर्ट अर्नोल्ड डिक्स ने भारत के साथ दुनिया का दिल जीता. रेस्क्यू ऑपरेशन की सफलता के बाद अर्नोल्ड डिक्स उन्हीं भारतीयों के चेहरों पर मुस्कान लाने में कामयाब हुए जिन्हें उन्हीं के देश की क्रिकेट टीम ने हार का दर्द दिया था. उत्तरकाशी सिलक्यारा रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद अर्नोल्ड डिक्स ने बाबा बौखनाग के दर्शन किए और उनका धन्यवाद दिया. इसके बाद उन्होंने उत्तराखंड एसडीआरएफ के साथ गढ़वाली गानों पर डांस भीकिया. इस दौरान उन्होंने भारतीय भोजन की भी जमकर तारीफ की. रेस्क्यू पूरा होने के बाद डिक्स फिर भारत आने का वादा कर सभी के चेहरों पर मुस्कान देकर वापस ऑस्ट्रेलिया लौट गए.