हैदराबाद : ऑस्ट्रेलिया ने साफ कर दिया है कि वह भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी को दिए गए खनन क्षेत्र से स्थानीय लोगों को जबरदस्ती नहीं हटाएगा. अडानी को क्वींसलैंड के कारमाइकल कोल माइन पट्टे पर दिया गया है. यहां के रहने वाले लोग 'फर्स्ट नेशन्स' के नाम से जाने जाते हैं. उन्होंने खनन गतिविधि का विरोध किया है.
'द वायर' में छपी खबर के मुताबिक वांगन और जगलिंगाउ समेत फर्स्ट नेशन्स ने यहां पर खनन का विरोध किया है. इन लोगों ने अगस्त के आखिरी सप्ताह से खनन वाले क्षेत्र में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन शुरू कर दिया था.
अडानी की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक स्थानीय और पारंपरिक गतिविधि के नाम पर यहां पर जानबूझकर अतिक्रमण किया जा रहा है. विरोध करने वाले लोग 'एंटी फॉसिल फ्यूएल एक्टिविस्ट' हैं.
'द वायर' में ऑस्ट्रेलिया की पुलिस का वर्जन प्रकाशित किया गया है. इसके अनुसार पुलिस ने स्थानीय लोगों की पीड़ा के साथ सहमति जताई है. पुलिस ने कहा कि वे उन्हें हटाने नहीं आए हैं.
पुलिस ने कहा कि हम यहां पर विरोध करने वाले लोगों को नहीं हटाएंगे और हम चाहते हैं कि दोनों पक्षों के बीच मध्यस्थता करें.
क्वींसलैंड मानवाधिकार कानून 2019 यहां पर सांस्कृतिक अधिकारों और उसे आयोजित करने की पूरी आजादी देता है.
वहां की पुलिस के हवाले से यह भी कहा गया है कि वे वहां पर मौजूद लोगों को कह रही है कि जिस व्यक्ति को माइनिंग के लिए जमीन दी गई है, उनका भी कानूनी अधिकार है. उन्हें अपना काम करने दीजिए.