नई दिल्ली : पीएम मोदी की ऑस्ट्रेलिया यात्रा पर विशेष ब्रीफिंग के दौरान विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता के लिए मजबूत समर्थन की पेशकश की है. उन्होंने कहा कि सिडनी में दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय बातचीत के दौरान यह बात सामने आयी. सिडनी में विशेष मीडिया ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए, विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा कि चर्चा के दौरान ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री ने साफ तौर पर कहा कि वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन करते हैं.
उन्होंने कहा कि दोनों नेता इस बात पर सहमत थे कि सुरक्षा परिषद सहित संयुक्त राष्ट्र प्रणाली में सुधार की भी आवश्यकता है. क्योंकि कई ऐसी व्यवस्थाएं हैं जो दुनिया की समकालीन वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित नहीं करती है. ऑस्ट्रेलिया में खालिस्तानी हमले और मंदिरों में तोड़-फोड़ की घटनाओं को लेकर विदेश सचिव क्वात्रा ने कहा कि मंदिरों पर हमले और अन्य अलगाववादी तत्वों की गतिविधियों पर दोनों प्रधानमंत्रियों ने पहले भी चर्चा की थी.
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विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा कि पीएम मोदी ने ऑस्ट्रेलिया सरकार द्वारा इन तत्वों के खिलाफ की गई कार्रवाई के लिए पीएम अल्बनीज को धन्यवाद दिया. इससे यह साबित होता है कि आस्ट्रेलियाई सरकार ने अपने पिछले आश्वासन पर काम किया है. विदेश सचिव ने कहा कि ऑस्ट्रेलियाई पीएम एंथनी अल्बनीस ने आश्वासन दिया कि वे ऐसे तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करना जारी रखेंगे जो भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मजबूत और गहरे संबंधों को बाधित करना चाहते हैं.
इससे पहले आज, अपने ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष के साथ बैठक के बाद संयुक्त प्रेस बयान के दौरान, पीएम मोदी ने ऑस्ट्रेलिया में हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ की घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि ऑस्ट्रेलियाई पीएम ने अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है.
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पीएम मोदी ने कहा कि पीएम एंथनी अल्बनीस और मैंने अतीत में ऑस्ट्रेलिया में मंदिरों पर हमलों और अलगाववादी तत्वों की गतिविधियों के मुद्दे पर चर्चा की है. हमने आज भी इस मामले पर चर्चा की. हम भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच मैत्रीपूर्ण और अच्छे संबंधों को नुकसान पहुंचाने वाले किसी भी तत्व को स्वीकार नहीं करेंगे. इस बीच, इस सवाल का जवाब देते हुए कि क्या चीन दोनों नेताओं के बीच चर्चा का हिस्सा था. विदेश सचिव क्वात्रा ने कहा कि दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच क्षेत्रीय महत्व और क्षेत्रीय विकास के मुद्दों पर भी बात हुई.
क्वात्रा ने कहा कि क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए चुनौतियों पर भी चर्चा की गई. रूस-यूक्रेन संघर्ष के मामले में, दोनों नेताओं ने विभिन्न आर्थिक आयामों, विशेष रूप से विकासशील देशों पर संघर्ष के प्रभाव पर ध्यान केंद्रित किया. विशेष रूप से खाद्य सुरक्षा से संबंधित चुनौतियों, डेरिवेटिव मुद्रास्फीतिक दबावों और ईंधन से संबंधित अनिश्चितता पर भी चर्चा की गई.
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विदेश सचिव ने कहा कि इसके अलावा, इंडो-पैसिफिक पर क्वाड, समुद्री और क्षेत्रीय मुद्दे, भारत-ऑस्ट्रेलिया जुड़ाव, वैश्विक दक्षिण के देशों में भारत-ऑस्ट्रेलिया सहयोग और यूएनएससी के सुधार जैसे द्विपक्षीय मुद्दों पर भी चर्चा हुई. जिसमें दोनों प्रधानमंत्रियों ने मजबूत संबंध को दोहराया और कहा कि दोनों देशों में विकास की क्षमता है. दोनों नेताओं ने माना कि यही अवसर है जब इस क्षेत्र के लिए बेहतर भविष्य को आकार दिया जा सकता है.
यह बैठक मार्च में ऑस्ट्रेलिया-भारत वार्षिक नेताओं के शिखर सम्मेलन के परिणामों पर आधारित थी. जिसमें एक खुले, समृद्ध और सुरक्षित भारत-प्रशांत के प्रति दोनों देशों की प्रतिबद्धता को दोहराया गया था. नेताओं ने द्विपक्षीय व्यापार, निवेश और व्यापारिक संबंधों की मजबूती पर भी चर्चा की. इसके साथ ही व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते को शीघ्र पूरा करने के लिए अपनी साझा महत्वाकांक्षा को दोहराया. गौरतलब है कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मुक्त व्यापार समझौता वार्ता इसी साल जुलाई में होने वाली है.
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