दिल्ली

delhi

G20 Craft Bazaar: जी20 क्राफ्ट मेले में पैठनी साड़ी की झलक, उद्यमियों को मेले से आस

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 9, 2023, 1:20 PM IST

नई दिल्ली में जी 20 शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया है. इस दौरान जी20 क्राफ्ट मेला भी लगाया गया है. इसमें इसमें पारंपरिक शिल्पों की प्रदर्शनी लगाई गई है.

Aurangabad Paithani And Kolhapuri Chappal
जी20 क्राफ्ट मेले में विदेशी मेहमानों के लिए औरंगाबाद की पैठनी साड़ी और कोल्हापुरी चप्पल की झलक

कोल्हापुरी चप्पल

छत्रपति संभाजीनगर: जी20 शिखर सम्मेलन का आयोजन नई दिल्ली में किया गया है. विश्व स्तर पर मशहूर महाराष्ट्र के औरंगाबाद की पैठनी साड़ी और कोल्हापुरी चप्पल की ब्रांडिंग इसमें की जा रही है. इससे इन उद्दोगों को बढ़ावा मिलेगा. इससे पहले शहर में आयोजित जी-20 सम्मेलन में भी पैठनी को मुख्य आकर्षण के रूप में रखा गया था. 20 देशों से आए अतिथियों का स्वागत पैठनी साड़ी फेटा के साथ हिमरू शॉल पहनाकर किया गया. कोल्हापुरी चप्पल भी देश में मशहूर है.

पैठनी साड़ी में क्या है खास:विश्व प्रसिद्ध पैठनी का महत्व प्राचीन काल से ही है. पैठनी साड़ी औरंगाबाद जिले के पैठन तालुका में हथकरघा पर बनाया गया एक परिधान है. एक पैठनी साड़ी बनाने में एक शिल्पकार को कई महीनों की मेहनत लगती है. यह पैठनी थ्रेड मशीन पर धागे को जोड़कर बनाई जाती है. इसे रेशमी कपड़े के नाम से भी जाना जाता है. पैठनी की खास बात यह है कि हालांकि यह एक हाथ से बना परिधान है जिसके पीछे एक ही धागा होता है, लेकिन इसकी कढ़ाई सभी के आकर्षण का केंद्र होती थी. पैठनी शुद्ध रेशम और सोने की जरी में बुने हुए अपने समृद्ध, जीवंत रंगों के लिए प्रसिद्ध है. पैठनी साड़ी के काठ (बॉर्डर) और पाडर या पल्लू (अंतिम टुकड़े) में मोर, तोते और कमल सहित पारंपरिक रूपांकन होते हैं जो इसे अलग बनाते हैं.

पैठनी लेना हर महिला का सपना होता था. लेकिन इसे लेना हर किसी के बस की बात नहीं थी. इस पैठनी को पहनने वाली महिला को शाही परिवार से माना जाता था. इस पैठनी के रूप में कई बदलाव हुए. इसलिए पैठनी कई लोगों की पहुंच में आ गई. विश्व में कहीं भी महावस्त्र का उत्पादन नहीं होता केवल महाराष्ट्र में ही यह होता है. इस पैठनी की ब्रांडिंग अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर की जा रही है.

देश में प्रसिद्ध कोल्हापुरी चप्पल:आकर्षक और मजबूत कोल्हापुरी चप्पलें हर किसी के आकर्षण का केंद्र हैं. यह चप्पल विदेश में भी बिकती है. असली लेदर से निर्मित और चप्पलों की शिल्प कौशल कोल्हापुरी चप्पलों की सुंदरता को बढ़ाती है. दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन के अवसर पर आयोजित हस्तशिल्प बाजार में विशेष कोल्हापुरी चप्पल बिक्री के लिए उपलब्ध होगी. कोल्हापुरी चप्पल अब विदेशी पर्यटकों को भी आकर्षित करने जा रही है.

ये भी पढ़ें- G20 summit : जी20 शिखर सम्मेलन में मेहमानों को उपहार में दिया जाएगा बुंदेलखंड के कलाकार का बनाया गया कमल

कोल्हापुरी चप्पलों की देशभर में भारी मांग है. लेकिन वर्तमान में चमड़ा उद्यमी संकट में है. केंद्र और राज्य सरकारों को कारीगरों द्वारा निर्मित कोल्हापुरी चप्पल का उत्पादन सीधे निगमों से खरीदना चाहिए. इससे इस कारोबार को बढ़ावा मिलेगा और निर्यात बढ़ेगा. कोल्हापुर जिले के कारीगरों के पास पर्याप्त उपकरण नहीं हैं, इसलिए नवप्रवर्तकों को इस व्यवसाय में प्रवेश करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. उत्पादकों और डीलरों ने कहा, केंद्र और राज्य सरकार कारीगरों की समस्याओं का समाधान करें.

ABOUT THE AUTHOR

...view details