मुंबई : मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार ने औरंगाबाद और उस्मानाबाद जिलों के नाम बदलकर क्रमशः छत्रपति संभाजीनगर और धाराशिव करने के संबंध में अधिसूचना जारी की है. राजस्व विभाग द्वारा शुक्रवार रात जारी अधिसूचना में कहा गया है कि कुछ महीने पहले मांगे गए सुझावों और आपत्तियों पर विचार किया गया है तथा उप-मंडल, गांव, तालुका एवं जिला स्तर पर नाम बदलने का निर्णय लिया गया है.
गौरतलब है कि औरंगाबाद और उस्मानाबाद का नाम बदलने का फैसला पूर्ववर्ती महाविकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार की आखिरी कैबिनेट बैठक में लिया गया था. इस बैठक की अध्यक्षता तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के 29 जून 2022 को इस्तीफा देने से ठीक पहले उनकी अध्यक्षता में हुई थी. बहरहाल, इसके एक दिन बाद शपथ लेने वाले मुख्यमंत्री शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि इन जिलों का नाम बदलने का ठाकरे सरकार का फैसला अवैध है, क्योंकि राज्यपाल ने उन्हें राज्य विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए कहा था, जिसके बाद उन्होंने यह फैसला किया था.
शहरों के नाम में पहले भी बदले : शिंदे नीत कैबिनेट ने पिछले साल जुलाई में औरंगाबाद और उस्मानाबाद का नाम बदलकर क्रमशः छत्रपति संभाजीनगर और धाराशिव करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. एमवीए सरकार की आखिरी कैबिनेट बैठक में औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर कर दिया गया, लेकिन शिंदे सरकार ने इसके आगे 'छत्रपति' भी जोड़ दिया. अब औरंगाबाद जिले को छत्रपति संभाजीनगर और उस्मानाबाद जिले को धाराशिव जिले के नाम से जाना जाएगा.