पालक्काड़: पालक्काड़ जिले में 2018 में खाद्य सामग्री चुराने के आरोप में एक आदिवासी व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या करने के 13 दोषीयों को बुधवार को सात साल के कारावास की सजा सुनाई गई. विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) राजेश एम. मेनन ने संवाददाताओं को बताया कि स्थानीय निवासियों ने अट्टापडी के रहने वाले आदिवासी व्यक्ति मधु को 22 फरवरी, 2018 को चोरी का आरोप लगाते हुए पीट-पीटकर मार डाला था.
मेनन ने बताया कि इस घटना के पांच साल से अधिक समय बाद, विशेष अदालत के न्यायाधीश के. एम. रतीश कुमार ने दोषियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 304 भाग 2 और अन्य प्रावधानों के तहत गैर इरादतन हत्या के लिए सात साल के जेल की सजा सुनाई. अदालत ने मंगलवार को उन्हें दोषी करार दिया था.
एसपीपी मेनन ने कहा कि वह सजा से खुश हैं, हालांकि जो सजा सुनाई गई, वह "पर्याप्त नहीं" है. उन्होंने कहा, "उन्हें आजीवन कारावास की सजा मिलनी चाहिए थी." मेनन ने कहा कि उन्हें दृढ़ विश्वास है कि राज्य सजा बढ़ाने के लिए अपील करेगा. एसपीपी ने कहा कि दोषियों को आजीवन कारावास की सजा नहीं देना अदालत के फैसले में एक "विसंगति" है.
मधु के परिवार ने भी दोषियों को दी गई सजा पर नाराजगी जताई और कहा कि यह काफी नहीं है. पीड़ित की मां ने अदालत के बाहर संवाददाताओं से कहा, "सजा पर्याप्त नहीं है." मधु की बहन ने भी इससे सहमति जताई और कहा कि अदालत ने अधिकतम सजा नहीं दी.