चेन्नई: लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख चिराग पासवान ने तमिलनाडु में बिहार के प्रवासी मजदूरों पर हुए कथित हमले की सघन जांच कराने तथा अपराधियों को न्याय के कठघरे में लाने एवं श्रमबल के लिए अनुकूल माहौल सुनिश्चित करने की सोमवार को मांग की. उन्होंने दावा किया कि यदि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य की बेहतरी एवं विकास के लिए काम किया होता तो न लोग रोजगार की खोज में बिहार से बाहर जाते और न ही यह संकट खड़ा होता.
पासवान ने यहां संवाददाताओं से कहा कि मैं इस मुद्दे पर राजनीति करने या किसी पर दोषारोपण करने यहां नहीं आया हूं. यदि प्रवासी बिहारी मजदूरों पर हमले के वीडियो असत्य हैं, तब यह अफवाह कौन फैला रहा है तथा भाषा के आधार पर देश एवं लोगों को बांटने की चेष्टा कर रहा है. यदि हमला हुआ है तो हमले के लिए जिम्मेदार लोगों या इस तरह की अफवाह फैलाने वालों को सलाखों के पीछे डाल दिया जाना चाहिए.
बिहार के जमुई से लोकसभा सदस्य पासवान ने कहा कि तमिलनाडु की उनकी यात्रा खासकर प्रवासी मजदूरों के साथ एकजुटता प्रकट करने तथा इस मुद्दे पर राज्यपाल आर एन रवि को ज्ञापन सौंपने के लिए है. उन्होंने कहा कि बिहारी श्रमिकों पर अत्याचार के बारे में मैं सुन रहा हूं, मेरे पास फोन और संदेश भी आ रहे हैं, जिनमें मुझे बताया जा रहा है कि कोयंबटूर और तमिलनाडु के अन्य हिस्सों में उन्हें निशाना बनाया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि भारत में दोहरी नागरिकता की अवधारणा नहीं है और लोग देश में कहीं भी जाने के लिए आजाद हैं. उन्होंने कहा कि यदि हमला महज एक अफवाह है तो फिर यह अफवाह कौन फैला रहा है और उसकी मंशा क्या है? उन सभी की पहचान की जानी चाहिए एवं उन्हें दंडित किया जाना चाहिए. लोजपा प्रमुख ने कहा कि वह और उनके पिता दिवंगत राम विलास पासवान कई मौके पर तमिलनाडु आते रहे हैं और उनकी अच्छी यादें हैं, लेकिन भाषा और भूगोल के नाम पर जो कुछ निहित स्वार्थी तत्व लोगों के बीच दीवार खड़ी करना चाहते हैं.
उन्होंने कहा कि बिहार के लोगों पर कथित हमला विचलित करने वाला है. पासवान ने कहा कि यही कारण है कि मैं इस बात पर बल दे रहा हूं कि इस मुद्दे की सघन जांच करायी जानी चाहिए. मैं उन सभी लोगों के नाम एवं फोन नंबर देने को इच्छुक हूं, जिन्होंने मुझे फोन किया एवं अपनी आशंका व्यक्त की.
बिहार से पहुंची जांच टीम ने किया सर्वेक्षण