प्रयागराज :पुलिस सुरक्षा के बीच अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या से पुलिस पर कई सवाल खड़े हुए हैं. गुजरात के साबरमती जेल से नैनी सेंट्रल जेल लाते समय अतीक अहमद ने अपनी हत्या की आशंका जताई थी. अतीक को जब कभी भी मीडिया से बात करने का मौका मिला, तब उसने हत्या की आशंका जताई. उसकी आशंका शनिवार की रात सच साबित हुई. बता दें कि अतीक की बहन ने भी हत्या की आशंका जताते हुए सुरक्षा की मांग की थी. उमेश पाल अपहरण कांड में पहली बार अतीक को सजा सुनाई गई थी और वह उम्रकैद की सजा भुगत रहा था. इस मामले में शाहगंज थाने में हमलावरों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है.
रूटीन चेकअप ( मेडिकल) के लिए मोतीलाल नेहरू मंलीय चिकित्सालय में जैसे ही अतीक और अशरफ पहुंचे, इन दोनों को हमलावरों ने ताबड़तोड़ गोलियों से छलनी कर दिया गया. पुलिस की भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच दोनों भाई मौत के घाट उतार दिया गया. पुलिस बंदोबस्त में दोनों भाइयों की हत्या से कई बड़े सवाल खड़े हो गए. डबल मर्डर की वारदात पुलिस सुरक्षा और मीडिया के कैमरे के बीच लगभग 20 से 25 सेकेंड में घट गई. बताया जाता है कि हमलावर कई दिनों से मीडियाकर्मी बनकर अतीक की रेकी कर रहे थे. सूत्रों के अनुसार, साबरमती से नैनी लाए जाने के बाद जब उसे पुलिस कस्टडी में भेजा गया, तभी हमलावरों ने हत्या की प्लानिंग कर रहे थे. प्रयागराज में हमलावरों ने पिछले दो दिनों से एक होटल में रह रहे थे. आशंका जताई जा रही है कि इस वारदात में पकड़े गए आरोपियों के अलावा कई अन्य लोग भी शामिल हो सकते हैं.