ग्वालियर। भारत रत्न व स्वर्गीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 25 दिसंबर को जयंती है. इस मौके पर मध्य प्रदेश सरकार ने गौरव दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की है. जिसका कारण जहां से उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की और संघर्ष को झेला. उसके बाद देश के एक बड़े पद पर पहुंचे, लेकिन अब इसे दुर्भाग्य कहे या शासन प्रशासन की लापरवाही कि ग्वालियर में पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की याद में बनाये जाने वाला अटल स्मारक आज तक तैयार नहीं हो पाया है. जिसकी घोषणा एमपी सरकार ने तीन साल पहले की थी. कई बार इसके लिए सर्वे और निरीक्षण भी मुख्यमंत्री और गृहमंत्री तक भी कर चुके हैं, लेकिन परिणाम आज भी जस का तस बना हुआ है.
सरकारें बदली तो क्या बदल गए दावे और वादे: गौरतलब है कि 2020 में उपचुनाव के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ग्वालियर में अटल स्मारक बनाने की घोषणा की थी. उन्होंने कहा था कि यह एक ऐसा स्मारक बनेगा जो देश ही नहीं बल्कि विश्व स्तर पर भारत की पहचान बनेगा. पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के विराट व्यक्तित्व की तरह इस स्मारक को भी विराट बनाया जाएगा, लेकिन सरकारें बदली और अब तक शासन प्रशासन अटल स्मारक के नाम पर एक ईंट भी नहीं लगा पाया है. शासन प्रशासन की उदासीनता कहीं ना कहीं सरकार के दावे और वादों पर भी सवाल खड़ी कर रही है.
क्या थी प्लानिंग: अटल स्मारक को लेकर तत्कालीन समय में कई बैठक और स्मारक से जुड़ी योजना को बनाने के लिए दौर चले थे. जिनमें कई तरह की प्लानिंग सामने आई थी. तात्कालिक घोषणाओं की माने तो अटल स्मारक के लिए लगभग 10 एकड़ की भूमि पर अटलजी की विशाल प्रतिमा, अटल पार्क और एक बड़ी अटल लाइब्रेरी बनना था. इसके साथ पूर्व प्रधानमंत्री के जीवन काल से जुड़ी घटनाओं के संबंध में एक विशाल गैलरी का निर्माण किया जाना था. इन सब चीजों की बात करें तो अब तक भूमि का भी निर्धारण सही तरीके से नहीं हो पाया है.