हैदराबाद: 11 साल की एक लड़की खगोलीय शोध कर रही है और क्षुद्रग्रहों पर शोध कर रही है. 5 साल की उम्र से ही वह भारतीय शास्त्रीय कला में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रही है और पदक जीत रही है. इसके साथ ही वह इसरो और नासा में वैज्ञानिक के रूप में सेवा देने के लिए भी तैयारी कर रही है. इस 11 साल की लड़की का सारा शोध अंतरिक्ष पर है.
वह अपनी बहन की प्रेरणा से खगोलीय शोध कर रही हैं और उसे कई सफलताएं भी मिली हैं. अतीत में, उसने अपनी बहन के साथ एक क्षुद्रग्रह को खोजा और नासा प्रमाणपत्र प्राप्त किया. लड़की का नाम पल्लम सिद्दीक्षा है और वह खगोल विज्ञान पर शोध कर रही है. वह हैदराबाद के उपनगर अब्दुल्लापुरमेट की रहने वाली है. उसकी मां चैतन्य विजया स्कूल ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट की प्रिंसिपल हैं.
उसके पिता विजय शेयर बाजार में कारोबार करते हैं. उनकी दोनों बेटियां खगोल विज्ञान और क्षुद्रग्रहों पर नज़र रखने पर शोध कर रही हैं और नासा और इसरो से प्रशंसा पा रही हैं. सिद्दीक्षा और उनकी बड़ी बहन श्रिया को 2018 में नासा द्वारा आयोजित 'साइंटिस्ट फॉर ए डे' प्रतियोगिता में प्रशंसा प्रमाण पत्र मिला. छह साल की उम्र में सिद्दीक्षा अपनी बड़ी बहन से प्रेरित हुई और उसमें खगोल विज्ञान के प्रति जुनून पैदा हो गई.
उसे स्पेसपोर्ट इंडिया फाउंडेशन, दिल्ली के संस्थापक समीर सचदेवा द्वारा खगोल विज्ञान और अंतरिक्ष विषयों पर प्रशिक्षित किया गया. साल 2020 में, उसने नासा की 'इंटरनेशनल ऑब्जर्व द मून नाइट' प्रतियोगिता में भाग लिया और प्रतिभा दिखाई. सिद्दीक्षा ने श्रिया के साथ क्षुद्रग्रह 2021 GC103 की खोज की थी और 2021 में आईएएससी के तहत क्षुद्रग्रह खोज अभियान में नासा द्वारा प्रमाणित किया गया था.