वाराणसी:रविवार 28 मई को नए संसद भवन का भव्य उद्घाटन समारोह (inauguration of new parliament house) होने वाला संसद भवन के नए स्वरूप और उद्घाटन समारोह में विविध आयोजन हो रहे हैं. इस दौरान ज्योतिषी दृष्टि से यह उद्घाटन कितना महत्वपूर्ण है, यह जानना अनिवार्य है. इस बारे में प्रख्यात ज्योतिषाचार्य पंडित ऋषि द्विवेदी (Astrologer Pandit Rishi Dwivedi) ने बताया कि संसद भवन के उद्घाटन के दिन कई तरह के ऐसे योग बन रहे हैं, जो अपने आप में इस दिन को और भी खास बना देंगे.
संसद भवन के उद्घाटन का दिन है बेहद खास पंडित ऋषि द्विवेदी का लोकतंत्र का मंदिर संसद भवन जिसका शिलान्यास 10 दिसंबर 2020 में हुआ था. 2 साल के उपरांत 28 मई 2023 को संसद भवन का उद्घाटन दिन में 12:00 बजे होगा. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन कई तरह के शुभ योगों का भरमार होगी. इस दिन याईजय योग, सर्वार्थ सिद्धि योग व रवि योग एक साथ होगा. इन तीनों योग का संयोग 28 मई को बन रहा है, जो अपने आप में बेहद खास होगा.
नए संसद भवन के उद्घाटन पर याईजय योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग इस शुभ योग में संसद भवन का उद्घाटन देश को नई ऊर्जा प्रदान करने वाला होगा. वैश्विक स्तर पर भारत को अग्रिम पंक्ति में खड़ा कराने वाला होगा. इस संसद भवन में इस दिन के सुंदर योगों का प्रभाव देखने को मिलेगा. इन योगों के प्रभाव से देश को आगे बढ़ाने वाले कानूनों का निर्माण देश को संप्रभुता बढ़ाने वाला तथा विश्व पटल पर भारत में ऐसे ऐसे कानूनों का निर्माण होगा, जो भारत को आगे बढ़ाने में खूब मजबूती प्रदान करेगा. पंडित ऋषि की मानें तो संसद भवन का शिलान्यास 10 दिसंबर 2020 को सुंदर योगों में हुआ था. उसका प्रभाव संसद भवन के निर्माण में देखने को मिला, जो 2 वर्षों में निर्बाध रूप से पूर्ण हुआ. वहीं 28 मई 2023 को दिन में 12:00 बजे पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र सिंह राशि पर चंद्रमा, वही सिंह लग्न भी होगा. लग्नेश सूर्य दशम भाव में विराजमान होगा. वहीं भाग्य भाव में बृहस्पति तथा लग्न में चंद्रमा इस सुंदर युग में संसद भवन का उद्घाटन होगा, जो अपने आप में बेहद खास होगा. पंडित ऋषि के मुताबिक आकाश मंडल में इस शुभ घड़ी में बृहस्पति चंद्रमा का नव पंचक योग अर्थात गजकेसरी योग बना होगा. वही लग्नेश सूर्य दशम भाव में बैठकर इस संसद भवन को विशेष मजबूती प्रदान करने वाला होगा. सब मिलाकर देखा जाए तो इस दिन कई प्रकार के सुंदर योग आकाश मंडल में बने होंगे, जो बेहद खास होंगे. इससे यह संसद भवन ऐतिहासिक देश को आगे बढ़ाने वाले कानूनों का निर्माण तथा देश की संप्रभुता को बढ़ाने वाला, वहीं विश्व पटल पर भारत को कानून के माध्यम से मजबूती प्रदान करने वाला होगा.