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असिस्टेंट कमांडेंट बेटे ने आईजी पिता को ठोंका सैल्यूट, पिता-पुत्र हुए गौरवान्वित - Indo Tibetan Border Police

उत्तराखंड एसडीआरएफ और जेल आईजी पुष्पक ज्योति के पुत्र अधिराज आईटीबीपी में असिस्टेंट कमांडेंट बन गए हैं. रैंक लगने के बाद बेटे अधिराज ने डीआईजी पिता पुष्पक ज्योति को सैल्यूट ठोंका तो पिता ने भी असिस्टेंट कमांडेंट को सैल्यूट ठोंकते हुए अभिवादन किया और शुभकामनाएं दीं.

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Published : Oct 16, 2021, 8:09 PM IST

मसूरी :उत्तराखंड पुलिस में एसडीआरएफ और आईजी जेल पुष्पक ज्योति के पुत्र अधिराज भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस की मुख्यधारा में शामिल हो गए हैं. अधिराज भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस में असिस्टेंट कमांडेंट चिकित्सालय के पद पर नियुक्त हुए हैं.

इस मौके पर अधिराज के माता और पिता आईजी पुष्पक ज्योति भी मौजूद थे. वहीं अधिराज और उनके पिता आई पुष्पक ज्योति ने एक-दूसरे को सलामी देते हुए अभिवादन किया और शुभकामनाएं दी. आईजी पुष्पक ज्योति अपने पुत्र को आईटीबीपी की वेशभूषा में देखकर काफी भावुक हो गए.

जेल आईजी पुष्पक ज्योति के पुत्र अधिराज आईटीबीपी में असिस्टेंट कमांडेंट बन गए हैं

उन्होंने कहा कि आज का दिन उनके लिए काफी अहम है. जहां उनका पूरा परिवार देश की सेवा में लगा हुआ है और आज उनका बेटा अधिराज भी आईटीबीपी की मुख्यधारा में असिस्टेंट कमांडेंट के पद पर नियुक्त हो गए हैं, जो उनके लिए गर्व की बात है.

उन्होंने कहा देश सेवा से बड़ी कोई सेवा नहीं है. देश है तो हम हैं, देश नहीं तो हम कुछ नहीं है. अधिराज ने कोविड-19 में दिल्ली के कोविड केयर सेंटर में निडरता और तत्परता से अपनी ड्यूटी का र्निवहन करते हुए देश को अपनी सेवाएं दी, वह काफी सराहनीय है और वह सफल भी हुए.

नवनियुक्त अधिकारी अधिराज ने कहा कि आज वह बहुत खुश हैं. देश सेवा सबसे बड़ी सेवा है. यूनिफॉर्म में आकर जहां उनको गर्व महसूस हो रहा है. एकेडमी में उन्हें जो अनुशासन सिखाया गया है, वे सर्विस के दौरान काफी अहम भूमिका निभाएगी. उन्होंने कहा मैंने पिता पुष्पक ज्योति को देश की सेवा करते हुए देखा है. वह अपनी ड्यूटी के प्रति कर्तव्य निष्ठा से काम करते हैं. उन्हीं से प्रेरित होकर आज वह देश की सेवा में आए हैं.

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वह अपने पिताजी के बताए मार्ग पर चलकर देश की सेवा करेंगे. कोरोना की दूसरी लहर में उनको दिल्ली कोविड केयर सेंटर में अपनी सेवाएं देने के मौका मिला, जो चैलेंजिंग था. एक डॉक्टर के प्रति उनकी जिम्मेदारी को उन्होंने निडरता के साथ निभाया और देश की सेवा की.

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