हैदराबाद: राजनीति समाजसेवा का जरिया है. ये बहुत पुरानी लाइन है जो अब शायद सिर्फ गिनी चुनी किताबों में ही अपने आखिरी दिन गिन रही होगी. क्योंकि आज राजनीति का मतलब और मकसद पूरी तरह से बदल चुका है. आम लोगों की नजर में भी अब सियासत समाजसेवा नहीं पैसा और नाम बनाने का जरिया है.
बीते कुछ सालों से राजनीतिक दलों की संपत्ति भी सुर्खियों में रही है. सरकार में रहने वाले दलों की संपत्ति में इजाफा होना स्वाभाविक है फिर चाहे उनकी सरकार केंद्र में हो या राज्य में, वो चाहे राष्ट्रीय दल हों या क्षेत्रीय सबकी संपत्ति का ब्यौरा ईटीवी भारत आपको बताने जा रहा है.
राष्ट्रीय दलों की संपत्ति का ब्यौरा
वित्तीय वर्ष 2018-19 के दौरान राजनीतिक दलों द्वारा अपनी संपत्ति का ब्यौरा दिया गया. इसमें 7 राष्ट्रीय दलों के साथ 41 क्षेत्रीय दल भी शामिल हैं. राजनीतिक दलों द्वारा दी गई संपत्ति की जानकारी में चल संपत्ति, निवेश, लोन आदि का ब्यौरा दिया गया था. जिसके मुताबिक
- वित्त वर्ष 2018-19 में 7 राष्ट्रीय और 41 क्षेत्रीय दलों द्वारा दिए गए संपत्ति के ब्यौरे के मुताबिक इन राष्ट्रीय दलों की कुल संपत्ति 5,349.25 करोड़ रुपये और क्षेत्रीय दलों की कुल संपत्ति 2023.71 करोड़ रुपये थी.
-राष्ट्रीय दलों में सबसे अधिक 2904.18 करोड़ रुपये की संपत्ति बीजेपी के पास है. जबकि दूसरे नंबर पर कांग्रेस (928.84 करोड़), तीसरे पर बसपा (738 करोड़), (चौथे नंबर पर 510.71 करोड़) शामिल है. इस सूची में तृणमूल कांग्रेस, एनसीपी और सीपीआई पांचवे, छठे और सातवें नंबर पर है.
-इस हिसाब से सभी 7 राष्ट्रीय दलों की कुल संपत्ति में से 54.29% संपत्ति बीजेपी के पास थी. जबकि 17.36% संपत्ति कांग्रेस और 13.80% संपत्ति बसपा के पास थी.
-आंकड़ों के मुताबिक कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस को छोड़कर सभी राष्ट्रीय दलों के निवेश के कॉलम में शून्य है.
क्षेत्रीय दलों की संपत्ति का ब्यौरा
-41 क्षेत्रीय दलों की बात करें तो सबसे ज्यादा 572.21 करोड़ की संपत्ति यूपी की समाजवादी पार्टी के पास थी. वहीं दूसरे नंबर पर BJP (232.27 करोड़), तीसरे नंबर पर AIADMK (206.75 करोड़) शामिल है. 41 क्षेत्रीय दलों के पास कुल 2023.71 करोड़ की संपत्ति है.