दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

शिंदे गुट को ‘शिवसेना’ का नाम-निशान आवंटित करने का ईसी का फैसला 'पूर्व प्रभावी' फैसला नहीं : नार्वेकर - मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे

महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले धड़े को 'शिवसेना' नाम और चुनाव चिह्न आवंटित करने का चुनाव आयोग का फैसला एक 'संभावित' फैसला है न कि प्रतिबंधात्मक.

Rahul Narwekar
महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर

By

Published : May 16, 2023, 10:20 PM IST

मुंबई : महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर (Rahul Narwekar) ने मंगलवार को कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को 'शिवसेना' का नाम और निशान देने का निर्वाचन आयोग का फैसला 'पूर्व प्रभावी' फैसला नहीं है बल्कि यह भविष्य पर आधारित फैसला है.

विधान भवन में कुछ अधिकारियों के साथ बैठक के बाद नार्वेकर ने यहां पत्रकारों से कहा कि मुख्यमंत्री शिंदे सहित 16 विधायकों की अयोग्यता पर निर्णय इस बिंदु पर शुरू होगा कि जुलाई 2022 में कौन सा गुट वास्तविक शिवसेना का प्रतिनिधित्व कर रहा था.

विधानसभा अध्यक्ष ने यह भी कहा कि उच्चतम न्यायालय के 11 मई के फैसले के बाद उन्हें किसी अन्य फैसले पर आगे बढ़ने से पहले सदन में यह जानना होगा कि शिवसेना का कौन सा गुट राजनीतिक दल है.

पिछले साल महाराष्ट्र में महा विकास आघाड़ी (एमवीए) के नेतृत्व वाली सरकार के गिरने के कारण शिवसेना-केंद्रित टकराव पर अपने फैसले में उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को बहाल नहीं किया जा सकता क्योंकि उन्होंने विश्वास मत का सामन किए बिना इस्तीफा दे दिया था.

मुख्यमंत्री शिंदे सहित शिवसेना के 16 बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने से इनकार करते हुए उच्चतम न्यायालय ने कहा कि वह दलबदल विरोधी कानून के तहत अयोग्यता की याचिकाओं पर सामान्यत: फैसला नहीं कर सकता और उसने विधानसभा अध्यक्ष नार्वेकर को लंबित मामले पर 'उचित अवधि' के भीतर निर्णय लेने का निर्देश दिया.

शिंदे इससे पहले उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार में कैबिनेट मंत्री थे. जून 2022 में शिंदे और 39 अन्य विधायकों ने अपनी पार्टी के नेतृत्व के खिलाफ बगावत कर दी जिससे शिवसेना बंट गई. शिंदे बाद में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के समर्थन से मुख्यमंत्री बने.

शिंदे और ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना के दोनों समूहों ने अलग-अलग पार्टी के रूप में चुनाव लड़ा है, लेकिन उन्हें विधानसभा में अलग से मान्यता नहीं मिली है.

निर्वाचन आयोग ने इस साल फरवरी में मुख्यमंत्री शिंदे के नेतृत्व वाले समूह को 'शिवसेना' नाम और उसका चुनाव चिन्ह धनुष और तीर आवंटित किया था.

नार्वेकर ने मंगलवार को कहा, 'उच्चतम न्यायालय के फैसले के अनुसार, याचिकाओं पर फैसले की शुरुआत इस बिंदु से की जाएगी कि जुलाई 2022 में कौन सा गुट शिवसेना का प्रतिनिधित्व कर रहा था. हालांकि, भारत निर्वाचन आयोग ने शिंदे गुट को शिवसेना का नाम और निशान आवंटित कर दिया है. फैसला 'पूर्व प्रभावी' नहीं बल्कि भविष्य पर आधारित होगा.'

पढ़ें- Maha Speaker on SC verdict : सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर जानिए महाराष्ट्र के स्पीकर ने क्या कहा?

(PTI)

ABOUT THE AUTHOR

...view details