नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भाग लेने के लिए राष्ट्रीय राजधानी आए त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड के राज्य के नेताओं ने आगामी विधानसभा चुनावों में विपक्षी दलों को हराने का विश्वास जताया है. त्रिपुरा में बीजेपी का शासन है जबकि पार्टी मेघालय और नागालैंड में सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा है. वास्तव में, भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने भी राज्य पार्टी इकाइयों से अपने-अपने राज्य के चुनाव जीतने के लिए कहा है.
बीजेपी त्रिपुरा के अध्यक्ष राजीब भट्टाचार्जी ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा, 'हम निश्चित रूप से त्रिपुरा में सत्ता बरकरार रखेंगे. एक बहुत ही प्रभावशाली ट्रैक रिकॉर्ड के बाद, मुझे विश्वास है कि त्रिपुरा के लोग हमें फिर से सरकार चलाने की जिम्मेदारी देंगे.' उन्होंने कहा कि त्रिपुरा में कांग्रेस और वाममोर्चा के बीच कोई भी संभावित गठबंधन नहीं चलेगा. भट्टाचार्य ने कहा, 'लोग सीपीएम और कांग्रेस के नेताओं के बारे में जानते हैं. राज्य के लोगों के साथ विश्वासघात किया गया था, जब वाम दलों और कांग्रेस ने राज्य पर शासन किया था.'
उन्होंने कहा कि प्रदेश की वर्तमान भाजपा सरकार ने सर्वजन हितैषी नीतियां अपनाई हैं. 60 सदस्यीय त्रिपुरा विधानसभा में 20 सदस्य आदिवासियों के लिए आरक्षित हैं. 2018 के विधानसभा चुनाव में, बीजेपी ने 36 सीटें जीतीं, इंडिजेनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) ने आठ और सीपीएम ने 16 सीटें जीतीं.
अर्नेस्ट मावरी, भाजपा के मेघालय अध्यक्ष ने भी यही कहा कि पार्टी इस बार राज्य में निश्चित रूप से सरकार बनाएगी. मावरी ने कहा, 'हम मेघालय में सरकार बनाने को लेकर आश्वस्त हैं. केंद्र सरकार का सकारात्मक प्रदर्शन निश्चित रूप से विधानसभा चुनाव में हमें प्लस प्वाइंट देगा.'