अगरतला/शिलांग/कोहिमा: निर्वाचन आयोग द्वारा बुधवार को चुनाव कार्यक्रमों की घोषणा किए जाने के साथ ही पूर्वोत्तर राज्यों मेघालय, नगालैंड और त्रिपुरा में राजनीतिक गतिविधि तेज हो गई हैं. निर्वाचन आयोग ने त्रिपुरा विधानसभा चुनाव के लिए 16 फरवरी और नगालैंड तथा मेघालय विधानसभा चुनावों के लिए 27 फरवरी की तारीख तय की है जबकि मतगणना दो मार्च को होगी.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मेघालय के गारो हिल्स जिले में एक जनसभा को संबोधित करने के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि यह दोहरे चेहरों वाली पार्टी है, जो चुनाव के दौरान कहती कुछ है और चुनाव के बाद करती कुछ और है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अर्नेस्ट मावरी ने कहा, 'हम चुनाव पूर्व गठबंधन के पक्ष में नहीं हैं. हम अपने दम पर चुनाव लड़ेंगे और आराम से 10-15 सीटें जीतेंगे.'
नगा शांति वार्ता को अंतिम रूप दिए जाने तक नगा नागरिक समाज द्वारा चुनावों को रोकने की अपनी मांगों को छोड़ने के लिए नगालैंड में गहन बातचीत चल रही है. त्रिपुरा में भाजपा अपनी सत्ता बरकरार रखने के लिए हर संभव प्रयास में जुटी है. पार्टी ने यहां पिछले साल मई में मुख्यमंत्री बदल दिया था. भाजपा दो अन्य राज्यों में भी अपनी सत्ता का विस्तार करना चाहेगी. कांग्रेस और वामपंथी त्रिपुरा में अपना खोया हुआ प्रभाव फिर से हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जैसे भाजपा के केंद्रीय नेताओं ने हाल ही में चुनावी राज्यों का दौरा किया था. त्रिपुरा में भाजपा-आईपीएफटी गठबंधन सरकार है. नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) के पास सर्वदलीय सरकार में नगालैंड में सबसे अधिक विधायक हैं. मेघालय में सरकार का नेतृत्व करने वाली नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी), पूर्वोत्तर की एकमात्र राजनीतिक पार्टी है, जिसे राष्ट्रीय पार्टी की मान्यता प्राप्त है.
पेशे से डॉक्टर माणिक साहा को पिछले साल मई में तत्कालीन मुख्यमंत्री बिप्लब देब के अचानक इस्तीफे के बाद त्रिपुरा का मुख्यमंत्री बनाया गया था. भाजपा और इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) ने 2018 में एक साथ विधानसभा चुनाव लड़ा और माकपा के नेतृत्व वाले वाम मोर्चे से सत्ता छीन ली थी. सदन की वर्तमान संख्या 53 है, जिसमें भाजपा के 33, आईपीएफटी के चार, माकपा के 15 और कांग्रेस का एक विधायक है.
माकपा और कांग्रेस ने त्रिपुरा विधानसभा चुनाव एक साथ लड़ने की घोषणा की है, जबकि तृणमूल कांग्रेस और तिपरा मोथा ने अभी तक अन्य दलों के साथ गठबंधन की घोषणा नहीं की है. तिपरा मोथा के प्रमुख प्रद्योत किशोर माणिक्य देबबर्मा ने 13 जनवरी को एक खुले पत्र में भाजपा की सहयोगी आईपीएफटी से दोनों आदिवासी-आधारित पार्टियों के एकीकरण की अपील की थी.